घायल होने के बाद भी गजे सिंह ने नहीं रुकने दी थी पवित्र अमरनाथ यात्रा

ग्रेटर नोएडा के रहने वाले सेवानिवृत्त सूबेदार मेजर गजे सिंह ने वीरता की ऐसी मिशाल पेश की जिसका पूरा गांव दीवाना है। गांव का हर व्यक्ति उनके सम्मान में सिर झुकाता है। झुकाए भी क्यों न घायल होने के बाद भी उन्होंने अमरनाथ यात्रा नहीं रुकने दी।

By Prateek KumarEdited By: Publish:Sun, 08 Aug 2021 03:31 PM (IST) Updated:Sun, 08 Aug 2021 03:31 PM (IST)
घायल होने के बाद भी गजे सिंह ने नहीं रुकने दी थी पवित्र अमरनाथ यात्रा
जान की बाजी लगाकर चार आतंकवादी को मार गिराया।

ग्रेटर नोएडा [प्रवीण विक्रम सिंह]। ग्रेटर नोएडा के जारचा अंतर्गत गुलावठी खुर्द गांव के रहने वाले सेवानिवृत्त सूबेदार मेजर गजे सिंह ने वीरता की ऐसी मिशाल पेश की जिसका पूरा गांव दीवाना है। गांव का हर व्यक्ति उनके सम्मान में सिर झुकाता है। झुकाए भी क्यों न, घायल होने के बाद भी उन्होंने वर्ष 1993 में भगवान भोलेनाथ की अमरनाथ यात्रा नहीं रुकने दी।

जान की बाजी लगाकर चार आतंकियों को मौत के घाट उतारा

जान की बाजी लगाकर चार आतंकवादी को मार गिराया। 34 साल तक भारतीय सेना में रहकर देश की सेवा करने वाले गजे सिंह 16 साल लगातार जम्मू कश्मीर में पोस्ट रहे। वहां पोस्टिंग के दौरान उन्होंने कुल 35 आतंकवादी को मार गिराया।

याद रहेगी जम्मू कश्मीर की पाेस्टिंग

सेवानिवृत्त गजे सिंह ने बताया कि नौकरी के दौरान उनकी जम्मू कश्मीर की पोस्टिंग बेहद यादगार रही। हर दिन नई चुनौती मिलती थी। उन्होंने बताया कि तीन जनवरी, 1989 को बारामूला में कुल 14 आतंकवादी को सेना ने मार गिराया था। मार गिराने वाली टीम में वह भी शामिल रहे। आतंकवादी पहाड़ी पर छिपे हुए थे।

करीब १० घंटे से ज्यादा चला था आपरेशन

करीब दस घंटे तक बारामूला का आपरेशन चला था। 1999 में कारगिल युद्ध के दौरान वह गुमरी में तैनात थे। उनकी ड्यूटी सेना को सकुशल पास कराने में लगी थी। इसके अलावा 1994 में रजौरी पुंछ में उन्होंने रात 12 बजे आठ आतंकवादी मारे थे। वे सेंटर पर हमला करने आए थे। गजे सिंह बताते हैं कि वर्ष 1991 में खनैसर में पेड़ों पर आतंकवादी बैठ कर सेना की बस पर फायरिंग कर रहे थे। बस में सेना के 50 से अधिक जवान बैठे थे। जवाबी कार्रवाई में नौ आतंकवादी मरे थे।

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