GautamBuddha Nagar News: बिलासपुर के वीरान पड़े स्वास्थ्य केंद्र बन सकते हैं बड़ी उम्मीद, इधर भी ध्यान दें डीएम साहब
बिलासपुर कस्बे का प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र लगभग 2 एकड़ भूमि पर बना है जिसमें 10 कमरे अन्य स्टाफ रूम व डॉक्टरों के बैठने के रूम हैं। इसे सरकार द्वारा करोड़ों रुपये खर्च करके एक दशक पहले बनाया गया था जो आज तक सही रूप में इस्तेमाल नहीं हो रहा है।
ग्रेटर नोएडा/बिलासपुर [घनश्याम पाल]। एक तरफ जहां ग्रामीण क्षेत्रों में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में खाली पड़े भवन लम्बे चौड़े परिसर वीरान पड़े हैं तो वहीं दूसरी तरफ आमजन अस्पताल व इलाज, दवाओं और ऑक्सीजन के अभाव में तड़प रहे हैं। यह अलग बात है कि ग्रामीणों द्वारा लगातार मांग हो रही है कि इन वीरान बंद पड़े स्वास्थ्य केंद्रों को बीमार पड़े ग्रामीणों के लिए खोला जाए। जहां शासन प्रशासन झोलाछाप डॉक्टर के खिलाफ कार्रवाई पर आमादा रहता था। आज उसी झोलाछाप डॉक्टरों के सहारे छोड़ सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर ओपीडी बंद कर दिया गया है।
बता दें कि बिलासपुर कस्बे का प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र लगभग 2 एकड़ भूमि पर बना है, जिसमें 10 कमरे और अन्य स्टाफ रूम व डॉक्टरों के बैठने के रूम हैं। इसे सरकार द्वारा करोड़ों रुपये खर्च करके एक दशक पहले बनाया गया था, जो आज तक सही रूप में इस्तेमाल नहीं हो रहा है। बदहाली का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि चोरों ने यहां पर लगे गेट, टोटी, सोलर, पंखे, बेड आदि सब उड़ा लिए हैं। वर्तमान महामारी को देखते हुए लोगों की राय है कि प्रशासन अगर चाहे तो ग्रामीण क्षेत्र के इस प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र को कोविड अस्पताल में तबदील किया जा सकता है । ग्रामीणों ने इस आश्य का एक पत्र जिलाधिकारी को भी लिखा है।
बता दें कि ग्रामीण क्षेत्रों में समय पर उचित लाभ नहीं मिलने के कारण जनता मर रही है। ऐसे में इस अस्पताल का विकास कर ग्रामीणों का इलाज यहां बेहत आसानी से किया जा सकता है, जिससे सभी को राहत मिलेगी। लोग सड़क पर तड़प तड़प कर दम तोड़ रहे हैं। यह भी सच है कि ग्रामीण क्षेत्र में गरीब लोग रहते हैं। ऐसे में अगर यह महामारी ग्रामीण क्षेत्र में तेजी से फैली तो लोग प्राईवेट मेडिकल की सुविधा लेने मे अस्मर्थ होंगे। ऐसे में ग्रामीण क्षेत्र को ध्यान में रखते हुए पहले ही तत्काल प्रभाव से यह व्यवस्था कर दी जाए। इस प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र में खाली भूखंड भी है, जिसमें ऑक्सीजन प्लांट लगाया जा सकता है। जिलाधिकारी को लिखे पत्र को ओमकार भाटी, प्रहलाद सिंह, अनुपम तायल, मोहित, संजय नवादा, संदीप जान आदि ने स्वास्थ्य विभाग से इस तरफ ध्यान देने की मांग की है।
एक समय ऐसा था, झोलाछाप डॉक्टरों पर शासन प्रशासन सख्त कार्यवाही पर आमादा थे। आज प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर जनरल ओपीडी बंद कर शासन प्रशासन ग्रामीणों को झोलाछाप डाक्टरों के सहारे छोड़ दिया है। गांवों में यही झोलाछाप जान जोखिम में डाल कर ग्रामीणों के लिए भगवान साबित हो रहे हैं।- संजय नवादा, अध्यक्ष पर्यावरण संरक्षण समिति
वहीं प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र बिलासपुर की तरह रामपुर खादर, मंडीश्याम नगर, बादौली, डाढा को भी कोविड अस्पताल में तबदील कर परिसर में आक्सीजन प्लांट लगाने की मांग उठने लगी है।
इस बाबत संजय नवादा अध्यक्ष पर्यावरण संरक्षण समिति, संदीप जैन व्यापार मंडल महामंत्री दनकौर, योगेश भाटी अध्यक्ष भीम पहलवान युवा सेवा समिति, प्रशांत नागर, महकार नागर, वीरपाल सिंह, सुरेंद्र भाटी, पप्पू प्रधान, सुरेंद्र भाटी आदि सामाजिक संगठन व समाजसेवी ने मुख्यमंत्री के नाम पत्र लिखकर ग्रामीण क्षेत्रों में कोविड अस्पताल व ऑक्सीजन प्लांट लगाए जाने की मांग की है।