42 वर्षों से विदेश की मिट्टी में महका रहे देश की संस्कृति की सुगंध, पढ़ें- देवेंद्र की रोचक स्टोरी

1960 में अमेरिका में बसे देवेंद्र महाजन बताते हैं कि जब पिताजी अमेरिका आए तो उन्होंने अपना लक्ष्य तलाश लिया था। 75 की उम्र में भी अकेले भाग-दौड़ कर लोगों से मिलते। भारतीय परिवार से जुडकर उन्हें आर्य समाज के बारे में जानकारी देते बच्चों को वैदिक शिक्षा देते।

By Mangal YadavEdited By: Publish:Sun, 10 Jan 2021 12:13 PM (IST) Updated:Sun, 10 Jan 2021 12:13 PM (IST)
42 वर्षों से विदेश की मिट्टी में महका रहे देश की संस्कृति की सुगंध, पढ़ें- देवेंद्र की रोचक स्टोरी
इंजीनियर देवेंद्र महाजन और चिकित्सक सुषमा महाजन

नोएडा [सुनाक्षी गुप्ता]। अपने देश की संस्कृति को दूसरे देश में महकाने के लिए लोग कई बार अपनी जान फूंक देते हैं। जीवन के जिस पड़ाव में जहां कोई व्यक्ति कुछ नया करने की सोच से भी कतराता है उस उम्र में राम चंद महाजन अमेरिका की मिट्टी में आर्य समाज समिति का ऐसा बीज बोकर गए हैं जिसे आज दूसरी पीढ़ी सींच रही है। नोएडा में परिवार के साथ रहने वाले स्वर्गीय राम चंद महाजन सन् 1979 में धर्मपत्नी के साथ अमेरिका ह्यूस्टन में अपने इंजीनियर बेटे देवेंद्र महाजन और चिकित्सक बहु सुषमा महाजन के साथ रहने पहुंचे थे। 75 वर्ष की उम्र में भारतीय संस्कृति को विदेश में प्रबल बनाने का संकल्प लिया।

शुरुआत के दिनों में ह्यूस्टन और टेक्सास में रहने वाले भारतीय लोगों से संपर्क किया, उन्हें वैदिक शिक्षा देने के साथ ही शुभ कार्यों में कई तरह के संस्कार का आयोजन करने लगे। भारतीय परिवारों को जोड़कर उनसे सहयोग लिया और 1991 में आर्य समाज ग्रेटर ह्यूस्टन की स्थापना की। जिसमें साप्ताहिक सत्संग और सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन होने लगा। अमेरिका में ही पैदा हुए भारतीय बच्चों को देश की संस्कृति से रूबरू कराते, उनकी हिंदी और संस्कृत की कक्षाएं लेते।

इसी तरह जीवन के अंतिम पड़ाव में पहुंचने तक भी लगातार भारतीय संस्कृति को आगे बढ़ाने के लिए प्रयास करते रहे और 1998 में दुनिया को अलविदा किया संस्कृति के पौधे को अपने बच्चों को सौंप गए। उनका परिवार नोएडा के सेक्टर - 28 में बसा हुआ है जहां ब्रिगेडियर मोहिंदर नाथ महाजन आर्य समाज से जुड़कर सामाजिक कार्य करते हैं।

बेटे ने संभाली आर्य समाज समिति की कमान, हजारों परिवारों को जोड़ा

1960 में अमेरिका में बसे देवेंद्र महाजन बताते हैं कि जब पिताजी अमेरिका आए तो उन्होंने अपना लक्ष्य तलाश लिया था। 75 की उम्र में भी अकेले भाग-दौड़ कर लोगों से मिलते। भारतीय परिवार से जुडकर उन्हें आर्य समाज के बारे में जानकारी देते, बच्चों को वैदिक शिक्षा देते। एक समय ऐसा आया कि वह परिवार के सबसे चर्चित और व्यस्त व्यक्ति हो गए थे। लोगों से आर्य समाज समिति ह्यूस्टन बनाने के लिए दान लेते। इसी तरह 80 परिवारों के साथ शुरू हुई समिति में हजारों लोगों को जोड़ा। देवेंद्र महाजन व उनकी पत्नी सुषमा महाजन आज भी इस कार्यक्रम को जारी रखे हुए हैं।

बच्चों को देते हैं संस्कृत और शास्त्रीय संगीत की शिक्षा

आर्य समाज में हर सप्ताह हवन, सत्संग, योग, प्रणायाम व सांस्कृतिक गीत के कार्यक्रम आयोजित कराए जाते हैं। अमेरिका में पैदा हुए बच्चों को शुद्ध हिंदी के साथ ही संस्कृत की शिक्षा दी जाती है। संगीत में रुचि रखने वाले बच्चों को तबला और हारमोनियम आदि से भारतीय शास्त्रीय संगीत की शिक्षा प्रदान की जाती है। वरिष्ठ नागरिकों के लिए निश्शुल्क स्वास्थ्य देखभाल कार्यक्रम आयोजित कराए जाते हैं।

उपलब्धियां

- 1991 - नोर्थ अमेरिका में राम चंद महाजन बने आर्य प्रतिनिधि सभा के संस्थापक

- 28 अक्टूबर 2018 नई दिल्ली में आयोजित अंतरराष्ट्रीय आर्य समाज सम्मेलन में आर्य समाज ग्रेटर ह्यूस्टन को मिला आदर्श आर्य समाज अवार्ड। देवेंद्र महाजन व सुषमा महाजन को मिला अंतरराष्ट्रीय गौरव आर्य सम्मान। 

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