यूपी के मोबाइल फोन व्यापारियों का अहित नहीं होने देगी भाजपा सरकार : डिप्टी सीएम दिनेश शर्मा

Business News नोएडा समेत पूरे उत्तर प्रदेश में ऑनलाइन कारोबार करने वाली ई कामर्स कंपनियां गैर जरूरी उत्पाद की सप्लाई करने में जुटी है जिसका मध्यम वर्ग के व्यापारी की ओर से विरोध किया जा रहा है।

By Jp YadavEdited By: Publish:Thu, 20 May 2021 09:12 AM (IST) Updated:Thu, 20 May 2021 10:04 AM (IST)
यूपी के मोबाइल फोन व्यापारियों का अहित नहीं होने देगी भाजपा सरकार : डिप्टी सीएम दिनेश शर्मा
मोबाइल फोन व्यापारियों का अहित नहीं होने देगी उत्तर प्रदेश सरकार : डिप्टी सीएम दिनेश शर्मा

नोएडा,  जागरण संवाददाता। उत्तर प्रदेश में सत्तासीन भारतीय जनता पार्टी सरकार की प्राथमिकता जीवन बचाने के साथ जीविका चलाने की भी है। सरकार मध्यम वर्ग के व्यापारी के साथ है, उनका अहित नहीं होने देगी। यह बात बुधवार को उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री डॉक्टर दिनेश शर्मा (Deputy Chief Minister of Uttar Pradesh, Dr. Dinesh Sharma) ने मोबाइल कारोबारियों से कही।

ऑल इंडिया मोबाइल रिटेलर्ज एसोसिएशन (All India Mobile Retailers Association) ने प्रदेश के मोबाइल कारोबारियों की समस्याओं को लेकर उपमुख्यमंत्री के साथ वेबिनार के जरिये एक बैठक की, जिसमें मोबाइल कारोबारियों की ओर से नोएडा अध्यक्ष राहुल गुप्ता ने मुख्यमंत्री को अवगत कराया गया कि सरकार ने लॉकडाउन लगाकर केवल जरूरी उत्पाद को उत्पादन व बिक्री में छूट दी है, लेकिन नोएडा समेत पूरे उत्तर प्रदेश में ऑनलाइन कारोबार करने वाली ई कामर्स कंपनियां गैर जरूरी उत्पाद की सप्लाई करने में जुटी है, जिसका मध्यम वर्ग के व्यापारी की ओर से विरोध किया जा रहा है। इसमें सबसे अधिक प्रभावित मोबाइल कारोबारी हो रहे हैं। इस पर उपमुख्यमंत्री ने जल्द ही ठोस कदम उठाने का आश्वासन दिया है।

गौरतलब है कि मोबाइल फोन खरीदारी को लेकर ऑनलाइन और ऑफलाइन बाजार में जंग छिड़ी हुई है। देशभर के ज्यादातर इलेक्ट्रॉनिक बाजार के बाद मोबाइल बाजार भी ऑनलाइन शॉपिंग के विरोध में आ गया है।  दरअसल, लोग घरों में बैठकर ही पसंद का हर सामान ऑर्डर कर रहे हैं। इसकी वजह ऑनलाइन स्तर पर मिल रही छूट भी है। 50 फीसद से ज्यादा डिस्काउंट के कारण लोग अब बाजारों में जाकर खरीदारी करना ही नहीं चाहते। इससे दुकानदारों को सामान बिक्री नहीं हो रहा है। कहा जाता है कि मोबाइल कंपनियां अपने कुछ मॉडल्स सिर्फ इन ई-कॉमर्स कंपनियों के लिए ही बनाती हैं। किसी मोबाइल के अगर 15 मॉडल उपलब्ध हैं, तो उसमें से तीन सिर्फ ऑनलाइन मार्केट में ही मिलेंगे।

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