नोएडा अथॉरिटी में कैग की टीम ने डाला डेरा, वित्तीय गड़बड़ियों की होगी जांच

नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक ने नोएडा प्राधिकरण में डेरा डाल दिया है। इस बार वित्तीय ऑडिट का दायरा 2017 से लेकर वर्तमान में चल रही परियोजना फाइलों का होगा। वित्तीय जांच के दौरान यदि कहीं भी गड़बड़ी मिलती है तो अधिकारियों-कर्मचारियों पर शासन की गाज गिर सकती है।

By Mangal YadavEdited By: Publish:Mon, 08 Feb 2021 06:59 PM (IST) Updated:Mon, 08 Feb 2021 07:08 PM (IST)
नोएडा अथॉरिटी में कैग की टीम ने डाला डेरा, वित्तीय गड़बड़ियों की होगी जांच
वित्तीय ऑडिट का दायरा 2017 से लेकर वर्तमान में चल रही परियोजना फाइलों का होगा

नोएडा [कुंदन तिवारी]। नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) ने एक बार फिर नोएडा प्राधिकरण में डेरा डाल दिया है। इस बार वित्तीय ऑडिट का दायरा 2017 से लेकर वर्तमान में चल रही परियोजनाओं की फाइलों का होगा। इसको लेकर टीम ने विभिन्न विभागों (आवासीय, ग्रुप हाउसिंग, औद्योगिक, संस्थागत, व्यवसायिक, सिविल, भूलेख) से संपंर्क साध लिया है। फाइलों का आने-जाने की प्रक्रिया फिर से शुरू होने जा रही है। जाहिर है वित्तीय जांच के दौरान यदि कहीं भी गड़बड़ी मिलती है तो अधिकारियों-कर्मचारियों पर शासन की गाज गिर सकती है।

सत्ता परिवर्तन के बाद प्राधिकरण की छवि को सुधारने व यहां हुई वित्तीय अनियमितता की जांच कैग ने की थी। पहले चरण में 10 साल पुरानी फाइलों की जांच शुरू की गई। इसके बाद प्राधिकरण गठन से लेकर बाद तक की फाइलों की जांच शुरू की गई। इस दौरान कैग ने 400 पेज की एक रिपोर्ट तैयार की। यह वहीं रिपोर्ट थी जिसे शासन को भेजा गया, जिसमें 30 हजार करोड़ रुपये के घोटाले की बात कहीं।

घोटालों को उजागर करने वाले व शिकायत करने वालों का मानना है कि यह घोटाला इससे कहीं ज्यादा का था। उनका दावा था लीज रेंट को घटाकर एक फीसद करने के मामले में ही कई हजार करोड़ रुपये का नुकसान प्राधिकरण को हुआ था। कैग ने अपनी 400 पन्नों की रिपोर्ट में ग्रुप हाउसिंग, वाणिज्यिक, एफएआर, भू-आवंटन, विकास परियोजनाओं में बरती गई अनियमितता की रिपोर्ट सौंपी थी। अब 2017 व बाद की फाइलों की वित्तीय जांच शुरू होने जा रही है।

प्राधिकरण पहुंचेगी कैग की टीम

फाइलों की वित्तीय जांच के लिए कैग की टीम नोएडा प्राधिकरण पहुंचने के संकेत मिल चुके हैं। टीम यहीं रुककर फाइलों का ऑडिट करेगी। सभी विभागों को इस बारे में आलाधिकारियों की ओर से अवगत करा दिया गया है।

प्राधिकरण में फिर हड़कंप

400 पेज की रिपोर्ट और 30 हजार करोड़ रुपये की अनियमितता के बाद प्राधिकरण में कई पूर्व अधिकारियों कर्मचारियों से अब तक पूछताछ की जा रही है। ऐसे में 2017 से लेकर अब तक किए गए कार्य का वित्तीय ऑडिट की जानकारी मिलने के बाद प्राधिकरण में हड़कंप मच गया है।

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