UP Panchayat Chunav 2021: नोएडा-ग्रेटर नोएडा में वजूद बचाने में कामयाब रही भाजपा, लेकिन बसपा से मिली चुनौती

UP Panchayat Chunav 2021 जपा गौतमबुद्ध नगर में भले ही अपना वजूद बचाने में कामयाब रही लेकिन बसपा ने कड़ी चुनौती पेश की। इससे भाजपा के रणनीतिकारों से भविष्य की योजना पर सोचने के लिए मजबूर कर दिया है।

By Jp YadavEdited By: Publish:Thu, 06 May 2021 12:44 PM (IST) Updated:Thu, 06 May 2021 12:44 PM (IST)
UP Panchayat Chunav 2021: नोएडा-ग्रेटर नोएडा में वजूद बचाने में कामयाब रही भाजपा, लेकिन बसपा से मिली चुनौती
UP Panchayat Chunav 2021: नोएडा-ग्रेटर नोएडा में वजूद बचाने में कामयाब रही भाजपा, लेकिन बसपा से मिली चुनौती

नोए़़डा [धर्मेंद्र कुमार]। ग्राम और जिला पंचायत चुनाव में भाजपा गौतमबुद्ध नगर में भले ही अपना वजूद बचाने में कामयाब रही, लेकिन बसपा ने कड़ी चुनौती पेश की। इससे भाजपा के रणनीतिकारों से भविष्य की योजना पर सोचने के लिए मजबूर कर दिया है। जिला पंचायत चुनाव में भाजपा ने अपने सांसद, राज्यससभा सदस्य व विधायकों समेत समूचे संगठन को मैदान में उतार दिया था। सभी ने घर-घर जाकर मतदाताओं को केंद्र और प्रदेश सरकार की उपलब्धियों को गिनाकर रिझाने का प्रयास किया। बावजूद इसके भाजपा पांच में से तीन सीट ही जीत सकी। कांग्रेस और सपा का सबसे बुरा हश्र हुआ। दोनों ही दलों के प्रत्याशी अपनी उपस्थिति दर्ज कराने में नाकाम रहे। बसपा ने एक सीट जीती और दो पर टक्कर दी। दो सीटों पर बसपा समर्थित प्रत्याशी दूसरे नंबर पर रहे। वार्ड एक से बसपा से अपना उम्मीदवार नहीं उतारा था।

भाजपा का गढ़ है गौतमबुद्धनगर

पिछले तकरीबन एक दशक से गौतमबुद्धनगर में भाजपा का दबदबा है। सांसद डाक्टर महेश शर्मा, राज्यसभा सदस्य सुरेंद्र नागर, तीन विधायक पंकज सिंह, धीरेंद्र सिंह, तेजपाल नागर व विधान परिषद सदस्य श्रीचंद शर्मा भाजपा से हैं। बसपा की झोली अभी तक खाली थी, जबकि सपा से पूर्व मंत्री नरेंद्र भाटी विधान परिषद सदस्य हैं। शहरी क्षेत्र घोषित होने से नोएडा व ग्रेटर नोएडा के गांवों में ग्राम और जिला पंचायत चुनाव नहीं हुए। दादरी, जेवर व रबूपुरा क्षेत्र में पांच जिला पंचायत सीटों के लिए सभी दलों ने अपने समर्थित प्रत्याशी उतारे थे।

भाजपा को मिली चुनौती भी

वार्ड एक से भाजपा की मोहिनी जीतने में कामयाब रही। इस वार्ड से बसपा ने अपना प्रत्याशी नहीं उतारा था। इससे मोहिनी की जीत को आसान माना जा रहा था। इसी वजह से पार्टी के सभी बड़े नेता दूसरी सीटों पर चुनाव प्रचार में लगे रहे, लेकिन चुनाव तिथि नजदीक समीप आते ही आम आदमी पार्टी की प्रत्याशी सरोज ने दांत खट्टे कर दिए। इसके बाद पार्टी ने गन्ना संस्थान के अध्यक्ष नवाब सिंह नागर, जारचा मंडल के प्रभारी व भाजयुमो के प्रदेश सचिव सतेंद्र नागर, जिलाध्यक्ष विजय भाटी को कमान सौंपी। तीनों की कड़ी मेहनत के कारण मोहिनी जीतने में कामयाब रही, लेकिन उनकी जीत का अंतर उम्मीद के अनुसार न होना, भाजपा के लिए चिंता का विषय है। वार्ड दो से भाजपा की गीता नागर ने बसपा की जयवती नागर को कड़ी चुनौती दी, लेकिन अंतत: बाजी जयवती नागर के हाथ लगी। इस वार्ड में पूर्व मुख्यमंत्री मायावती का गांव बादलपुर भी आता है। कांग्रेस और सपा प्रत्याशी इस वार्ड में कोई करिश्मा नहीं दिखा सके। वार्ड तीन में माना जा रहा था कि सपा-रालोद गठबंधन प्रत्याशी मुकेश सिसौदिया जातीय समीकरण के आधार पर भाजपा प्रत्याशी देवा भाटी को कड़ी चुनौती देंगे, लेकिन वह ऐसा नहीं कर सके। दूसरे नंबर पर निर्दलीय नफीस प्रधान रहे। इस वार्ड के प्रभारी योगेंद्र चौधरी समेत भाजपा के सभी बड़े नेता प्रचार के अंतिम दिन तक डेरा डाले रहे।

नतीजतन देवा बड़े अंतर से जीतने में कामयाब रहे। वार्ड चार पर भाजपा प्रत्याशी सोनू प्रधान कोई करिश्मा नहीं दिखा सके और वे चौथे नंबर पर रहे। यहां भाजपा के सभी बड़े नेता डेरा डाले रहे, लेकिन मुकाबला बसपा के अमन भाटी और निर्दलीय सुनील भाटी के बीच हुआ। बाजी सुनील के हाथ लगी। वार्ड पांच में सांसद महेश शर्मा, राज्यसभा सदस्य सुरेंद्र नागर, जेवर विधायक धीरेंद्र सिंह, विधान परिषद सदस्य श्रीचंद शर्मा, जिलाध्यक्ष विजय भाटी, भाजपा के चाणक्य कहे जाने वाले युवा नेता अभिषेक शर्मा व तेजा गुर्जर ने पार्टी प्रत्याशी के लिए अपनी पूरी ताकत झोंकी। इससे भाजपा के अमित चौधरी जीतने में तो कामयाब रहे, लेकिन बसपा के कपिल छौंकर ने उन्हें कड़ी टक्कर दी। इससे उनका जीत का अंतर कम रहा।

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