UP Election 2022: चुनाव से पहले सपा को तगड़ा झटका, पश्चिमी यूपी के कद्दावर नेता भाजपा में शामिल

UP Election 2022 अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले समाजवादी पार्टी (सपा) को जोर का झटका लगा है। पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कद्दावर नेता व पूर्व कैबिनेट मंत्री नरेंद्र भाटी ने भाजपा की सदस्यता ग्रहण कर ली है।

By Mangal YadavEdited By: Publish:Wed, 17 Nov 2021 05:10 PM (IST) Updated:Wed, 17 Nov 2021 05:15 PM (IST)
UP Election 2022: चुनाव से पहले सपा को तगड़ा झटका, पश्चिमी यूपी के कद्दावर नेता भाजपा में शामिल
चुनाव से पहले समाजवादी पार्टी को तगड़ा झटका, पश्चिमी यूपी के कद्दावर नेता भाजपा में शामिल

ग्रेटर नोएडा, जागरण संवाददाता। अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले समाजवादी पार्टी (सपा) को जोर का झटका लगा है। पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कद्दावर नेता, सिकंदराबाद से चार बार के पूर्व विधायक व पूर्व कैबिनेट मंत्री नरेंद्र भाटी ने नरेंद्र भाटी ने सपा को अलविदा कह दिया है। उन्होंने बुधवार को लखनऊ में भाजपा की सदस्यता ग्रहण कर ली है। नरेंद्र भाटी को यूपी के डिप्टी सीएम दिनेश शर्मा और प्रदेश भाजपा अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह ने पार्टी की सदस्यता ग्रहण कराई।

वर्तमान में नरेंद्र भाटी सपा के टिकट पर एमएलसी (विधान परिषद सदस्य) हैं। माना जा रहा है कि वह जल्द ही एमएलसी पद से इस्तीफा दे देंगे। राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि नरेंद्र भाटी को भाजपा एमएलसी के लिए प्रत्याशी घोषित कर सकती है।

गुर्जर समाज में नरेंद्र भाटी का कद बहुत बड़ा

पूर्व मंत्री नरेंद्र भाटी को गुर्जर समाज का बड़ा नेता माना जाता है। वह कई साल से सपा के लिए कार्य कर रहे थे। गौतमबुद्ध नगर के साथ ही आस-पास के जिलों में भी सपा के मजबूत पिलर के रूप में उनकी गिनती होती थी। कहा जाता है कि पश्चिमी यूपी में सपा की राजनीति नरेंद्र भाटी के इर्द-गिर्द ही चलती रही है।

बता दें कि इससे पहले नरेंद्र भाटी के भाई व पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष बिजेंद्र भाटी ने भी 2019 में भाजपा का दामन थाम लिया था। पिछले लोकसभा चुनाव में सपा में रहते हुए भी नरेंद्र भाटी ने अंदर खाने भाजपा का प्रचार किया था। अपने प्रभुत्व वाले गांवों में उन्होंने भाजपा को वोट देने की अपील की थी। तभी से नरेंद्र भाटी के भाजपा में जाने के कयास लगाए जा रहे थे।

गुर्जर वोट बैंक पर भाजपा की नजर

दरअसल, कृषि कानून विरोधी आंदोलन की वजह से नुकसान की आशंका के बीच भाजपा जाटों और गुर्जर समाज में अपना पैठ मजबूत कर रही है। माना जा रहा है कि गुर्जर समाज की नाराजगी को दूर करने के लिए भाजपा ने नरेंद्र भाटी को पार्टी में शामिल कराया है। 

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