ग्रेटर नोएडा में सभी प्रकार के निर्माण कार्यों पर लगी रोक, इन चीजों पर भी लगा प्रतिबंध
खतरनाक प्रदूषण को देखते हुए ग्रेटर नोएडा में अगले चार दिनों तक सभी तरह के निर्माण कार्यों पर रोक लगा दी गई है। आरएमसी हाट मिक्स प्लांट और डीजल जनरेटर के इस्तेमाल पर भी प्राधिकरण ने रोक लगाई है।
ग्रेटर नोएडा [अर्पित त्रिपाठी]। ग्रेटर नोएडा में वायु प्रदूषण लगातार बहुत खराब श्रेणी में बना हुआ है। सुप्रीम कोर्ट भी दिल्ली-एनसीआर की जिम्मेदार संस्थाओं को प्रदूषण की रोकथाम न करने पर फटकार लगा चुका है। मंगलवार को वायु प्रदूषण गुणवत्ता प्रबंधन आयोग के निर्देश पर ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने अगले चार दिनों तक सभी तरह के निर्माण कार्यों पर रोक लगा दी है। डीजल जनरेटर के इस्तेमाल पर भी प्रतिबंध लगा दिया गया है। हाट मिक्स व आरएमसी प्लांट भी बंद करने के आदेश दिए हैं।
एनसीआर के शहरों की आबोहवा बहुत प्रदूषित हो चुकी है। एनसीआर में वायु प्रदूषण पर निगरानी के लिए बने वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग की तरफ से प्रदूषण रोकने के लिए प्रभावी कदम उठाने के निर्देश दिए हैं। इसे देखते हुए प्राधिकरण सीईओ नरेंद्र भूषण के निर्देश पर एसीईओ दीपचंद ने अधिकारियों के साथ बैठक की।
आदेश का पालन न करने पर होगी कार्रवाई
ग्रेटर नोएडा में प्रदूषण कम करने के लिए एसीईओ ने मंगलवार को कार्यालय आदेश जारी कर दिए हैं। ग्रेटर नोएडा में अगले चार दिन तक सभी तरह के निर्माण कार्यों पर पूरी तरह से रोक लगा दी गई है। एसीईओ ने निर्माण सामग्रियों को ढककर रखने के निर्देश दिए हैं। जहां भी धूल उड़ने की संभावना है, वहां एंटी स्माग गन चलाने को कहा है। होटलों या ढाबों में डीजल जनरेटर के इस्तेमाल पर भी प्रतिबंध लगा दिया गया है। इन आदेशों की अवहेलना करने पर एनजीटी के नियमानुसार कठोर कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं।
इन पर प्रतिबंध
आवासीय, कामर्शियल, आइटी, संस्थागत, बिल्डर प्रोजेक्ट, सड़कों की री-सर्फेसिंग, नई सड़कों का निर्माण आदि नहीं हो सकेंगे।
मिली जानकारी के अनुसार, निर्माण कार्यों पर रोक फिलहाल ग्रेटर नोएडा में ही लागू है। अभी तक नोएडा प्राधिकरण या जिला प्रशासन की तरफ से नोएडा में निर्माण कार्यों व अन्य पर रोक नही लगाई गई है। हालांकि माना जा रहा है कि नोएडा में भी इस तरह के आदेश जारी किए जा सकते हैं।
बिजली कटौती न करने को एनपीसीएल को लिखा पत्र
वहीं, वायु प्रदूषण को कम करने के लिए ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने एनपीसीएल से शहर में बिजली कटौती न करने को कहा है, जिससे कि डीजल जनरेटर चलाने की जरूरत न पड़े। प्राधिकरण ने कूड़ा जलाने पर रोक लगाने को सभी वर्क सर्किल इंजीनियरों को निगरानी रखने को कहा है। कूड़ा जलाने वालों के खिलाफ भारी जुर्माना लगाने के आदेश दिए हैं।
प्राधिकरण सीईओ नरेंद्र भूषण के निर्देश पर एसीईओ दीपचंद ने एनपीसीएल के प्रबंध निदेशक को पत्र भेजा है, जिसमें कंपनी से शहर में बिजली आपूर्ति सुचारु रखने को कहा गया है। बिजली कटौती न होने से सोसायटियों व अन्य जगहों पर अनिवार्य सेवाओं के लिए जनरेटर चलाने की जरूरत नहीं पड़ेगी।