दिल्ली-एनसीआर के लाखों फ्लैट खरीदारों के लिए बुरी खबर, स्पोर्ट्स सिटी का काम अटका

Noida Flat News फ्लैट खरीदारों ने राहत पाने के लिए राष्ट्रपति प्रधानमंत्री मुख्यमंत्री आवासन एवं शहरी विकास मंत्रालय तक गुहार लगाई। यहां से समाधान करने का पत्र आने के बाद भी प्राधिकरण मदद से इनकार कर रहा है।

By JP YadavEdited By: Publish:Thu, 29 Oct 2020 07:42 AM (IST) Updated:Thu, 29 Oct 2020 07:42 AM (IST)
दिल्ली-एनसीआर के लाखों फ्लैट खरीदारों के लिए बुरी खबर, स्पोर्ट्स सिटी का काम अटका
स्पोर्ट्स सिटी में बिल्डर ने रोका निर्माण कार्य।

नोएडा [कुंदन तिवारी]। Noida Flat News: स्पोर्ट्स सिटी में बिल्डर को जीवन भर की जमापूंजी देने वाले लाखों फ्लैट खरीदारों को मालिकाना हक नहीं मिल पा रहा है, क्योंकि बिल्डर पजेशन देने से इनकार कर रहे हैं। फ्लैट खरीदारों ने राहत के लिए राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री, आवासन एवं शहरी विकास मंत्रालय तक गुहार लगाई। यहां से समाधान करने का पत्र आने के बाद भी प्राधिकरण मदद से इनकार कर रहा है। अधिकारियों के मुताबिक, इसका सबसे बड़ा कारण यह है कि जिस कंपनी को स्पोर्ट्स सिटी की जमीन का आवंटन हुआ था, उस कंपनी ने जमीन को छोटे-छोटे टुकड़ों में तमाम ऐसी बिल्डर कंपनियों को सबलीज कर दिया, जिन्होंने सिर्फ आवासीय परियोजनाओं को ही पूरा किया। जिन स्पोर्ट्स गतिविधियों के लिए जमीन का आवंटन हुआ था, उन परियोजनाओं को बनाया ही नहीं गया। उल्टा कंपनी सबलीज से हासिल रकम लेकर फरार हो गई, प्राधिकरण का बकाया भी नहीं चुकाया है। प्राधिकरण बिल्डर को ओसी प्रमाणपत्र जारी नहीं कर रहा है। खरीदार का आरोप है कि प्राधिकरण व बिल्डर के बीच घर खरीदारों को परेशान किया जा रहा है। बता दें कि स्पोर्ट्स सिटी पर सीएजी और आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) दोनों ही अपनी आपत्ति लगा चुके हैं। ई्रओडब्ल्यू की ओर से जांच पूरी की जा चुकी है।

कंसोर्टियम कंपनियों की आड़ में स्पोर्ट्स सिटी का पूरा खेल

वर्ष 2009-10 में नोएडा प्राधिकरण ने सेक्टर-78, 79 में थ्रीसी बिल्डर को स्पोर्ट्स सिटी विकसित करने के लिए सस्ती दरों पर करीब 18 एकड़ जमीन का आवंटन किया। इसमें सबसे पहले 70 फीसद जमीन पर गोल्फ कोर्स, क्रिकेट स्टेडियम समेत अन्य खेल सुविधा विकसित करनी थी। 30 फीसद जमीन पर फ्लैट और दुकानें बनानी थी। उसी दौरान फ्लैट के लिए बतौर कंसोर्टियम पार्टनर करीब 10-12 बिल्डरों को इसी प्रोजेक्ट में 5 से 15 एकड़ तक जमीन दे दी गई। इनमें से अधिकांश ने अपना काम पूरा कर लिया, कुछ का काम निर्माणाधीन है लेकिन मूल आवंटी जिसे 70 फीसद पर स्पोर्ट्स सिटी विकसित करनी थी, उसने काम शुरू तक नहीं किया।

परियोजना में में इन सुविधाओं को दिया जाना था

गोल्फ के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर की सुविधा, क्रिकेट स्टेडियम, बॉक्सिंग, बैडमिटन, टेनिस, लॉन टेनिस, हॉकी, स्वीमिग, एथलेटिक्स, स्क्वैश सहित अन्य खेलों की सुविधा के लिए निर्माण कराना था।

जीवन भर की जमापूंजी बिल्डर को थमाने के बाद अब प्राधिकरण पर मामला टाला जा रहा है। राहत के लिए सीएम से पीएम तक पत्राचार किया। अबतक कोई हल नहीं निकल सका है।

 दीनबंधु नायक (फ्लैट खरीदार, सिविटेक) का कहना है कि 

मूल आवंटी के गायब होने से आवंटित जमीन पर परियोजनाएं अधूरी है।बकाया भी नहीं चुकाया गया है। ऐसे में किस आधार पर पजेशन जारी किया जा सकता है।

 राजेश कुमार (ओएसडी, नोएडा प्राधिकरण) के मुताबिक, 

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