Pod taxi: ग्रेटर नोएडा से नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट तक चलेगी पॉड टैक्सी, यहां जानिये- इसकी विशेषता
Pod Taxi यमुना एक्सप्रेस-वे के समानांतर यह सेवा उपलब्ध होगी। भविष्य में इसका विस्तार यीडा सिटी के आंतरिक सेक्टरों में हो सकेगा। पॉड टैक्सी के लिए तैयार होने वाले ढांचे की लागत मेट्रो की तुलना में एक तिहाई है। प्रति किमी इसकी लागत पचास से साठ करोड़ रुपये है।
ग्रेटर नोएडा [अरविंद मिश्रा]। अगर सबकुछ ठीक-ठाक रहा और योजना परवान चढ़ी तो ग्रेटर नोएडा व यमुना एक्सप्रेस-वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण सिटी के बीच परिवहन के लिए पॉड टैक्सी (पीआरटी-पर्सनल रैपिड ट्रांजिट) चलेगी। इससे शहर के आंतरिक इलाकों में भी पहुंचना संभव होगा। पीआरटी के लिए दिल्ली मेट्रो रेल कारपोरेशन (डीएमआरसी) से व्यावहारिकता व विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) तैयार कराई जाएगी। यमुना प्राधिकरण इसके लिए डीएमआरसी से जल्द करार करेगा। नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट को मेट्रो कनेक्टिविटी दी जाएगी। यह सेवा एक्सप्रेस होगी, इसलिए यीडा सिटी के अधिकतर सेक्टर मेट्रो की सुविधा से वंचित रहेंगे। शहर में सार्वजनिक परिवहन की सुविधा उपलब्ध कराने एवं आंतरिक हिस्सों को इस सुविधा से जोड़ने के लिए पॉड टैक्सी चलाने की योजना पर विचार हो रहा है। पहले प्राधिकरण की योजना फिल्म सिटी से नोएडा एयरपोर्ट के बीच 5.5 किमी के हिस्से में पॉड टैक्सी चलाने की थी। उद्देश्य था कि पर्यटकों के साथ आस पास के औद्योगिक सेक्टरों में काम करने वालों को परिवहन सुविधा मिल सके। अब इसे ग्रेटर नोएडा के परी चौक से यीडा सिटी में एयरपोर्ट तक इसे चलाने पर विचार हो रहा है। यमुना एक्सप्रेस-वे के समानांतर यह सेवा उपलब्ध होगी। भविष्य में इसका विस्तार यीडा सिटी के आंतरिक सेक्टरों में भी हो सकेगा। पॉड टैक्सी के लिए तैयार होने वाले ढांचे की लागत मेट्रो की तुलना में एक तिहाई है। प्रति किमी इसकी लागत पचास से साठ करोड़ रुपये है। इसके लिए बेहद कम जगह की जरूरत होती है। इसके साथ ही यात्री इसे खुद संचालित कर सकते हैं। इसकी अधिकतम रफ्तार सौ किमी प्रतिघंटा होती है। एक पॉड टैक्सी में चार से छह लोगों के बैठने की सुविधा होती है।
औद्योगिक सेक्टर व फिल्म सिटी को जोड़ेगी यमुना योजना
एक्सप्रेस वे के समानांतर सेक्टर 17, 18, 20, फिल्म सिटी, मेडिकल डिवाइस पार्क, टॉय पार्क, अपैरल, सूक्ष्म, लघु एवं मझोले एमएसएमई उद्योग क्लस्टर बसाए जा रहे हैं। पॉड टैक्सी चलने से इनको फायदा मिलेगा।
डॉ. अरुणवीर सिंह (सीईओ, यमुना प्राधिकरण) का कहना है कि रिपोर्ट तैयार होने पर परियोजना की व्यावहारिकता लागत आदि पता चलेगी। इसके बाद ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण से वार्ता होगी। ग्रेटर नोएडा से जोड़ने के लिए प्राधिकरण की सहमति जरूरी होगी। पॉड टैक्सी चलने से ग्रेटर नोएडा से एयरपोर्ट तक परिवहन का सुविधाजनक विकल्प लोगों को मिलेगा।
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