School Reopen in Noida: नोएडा में 11 महीने के बाद खुले 6वीं से 8वीं क्लास तक के सभी स्कूल

School Reopen in Noida विद्यालय अधिकतम 50 फीसद छात्रों की उपस्थिति के साथ ही स्कूल संचालित कर सकेंगे। छात्रों को मास्क लगाकर स्कूल जाना होगा वह लंच ब्रेक में अकेले ही भोजन करेंगे स्कूलों में खेल गतिविधियां बंद रहेंगी।

By Mangal YadavEdited By: Publish:Wed, 10 Feb 2021 09:26 AM (IST) Updated:Wed, 10 Feb 2021 12:25 PM (IST)
School Reopen in Noida: नोएडा में 11 महीने के बाद खुले 6वीं से 8वीं क्लास तक के सभी स्कूल
नोएडा : उच्च प्राथमिक विद्यालय वाजिदपुर में कक्षा 8वीं के छात्रों को पढ़ाती शिक्षिका।

नोएडा, जागरण संवाददाता। 11 माह के लंबे इंतजार के बाद बुधवार को पहली बार छठी कक्षा से आठवीं तक के विद्यार्थी स्कूल पहुंचे। क्लास में शारीरिक दूरी को ध्यान में रखकर बच्चों को बैठाया गया। स्कूलों में छात्रों तभी प्रवेश दिया गया जब उनके अभिभावक स्कूल में अनुमति पत्र जमा किए। अभी प्रत्येक कक्षा के बच्चों को सप्ताह में दो दिन ही स्कूल बुलाया जाएगा। विद्यालय अधिकतम 50 फीसद छात्रों की उपस्थिति के साथ ही स्कूल संचालित कर सकेंगे। 

छात्रों को मास्क लगाकर स्कूल जाना होगा, वह लंच ब्रेक में अकेले ही भोजन करेंगे, स्कूलों में खेल गतिविधियां बंद रहेंगी।

स्कूलों को किया गया सैनिटाइज

स्कूल खोलने के लिए जारी हुई एसओपी गाइडलाइन का पालन करते हुए मंगलवार को स्कूलों में सैनिटाइजेशन कराया गया। स्कूलों में मेडिकल रूम और आइसोलेशन वार्ड भी तैयार किए गए हैं ताकि अगर किसी छात्र को परेशानी हो तो उन्हें मदद मिल सके। कोठारी स्कूल की प्रधानाचार्य मंजू गुप्ता ने बताया कि विद्यालय में छात्रों के प्रवेश से लेकर कक्षा तक जाने के लिए विशेष इंतजाम किए गए हैं।

कक्षा नौ से 12वीं के 40 फीसद छात्र पहुंच रहे हैं स्कूल

मंगलवार को सरकारी निर्देशानुसार शहर के सभी निजी एवं सरकारी स्कूलों में पूर्ण रूप से नौवीं कक्षा से 12वीं तक की कक्षाएं संचालित की गईं। इस दौरान स्कूलों में 40-45 फीसद तक छात्रों की उपस्थिति रही। जो छात्र स्कूल नहीं पहुंचे उन्होंने आनलाइन कक्षा के माध्यम से पढ़ाई की। स्कूलों के अंदर सैनिटाइजेशन के बाद ही छात्रों को प्रवेश दिया गया।

अभिभावक अभी भी कर रहे हैं इंतजार

छठी कक्षा से आठवीं तक की कक्षाएं खोलने की स्कूलों को अनुमति मिल गई है, लेकिन कोई भी स्कूल छात्रों को स्कूल भेजने के लिए बाध्य नहीं कर सकता। गौतमबुद्ध नगर पैरेंट्स वेलफेयर सोसाइटी (जीपीडब्ल्यूएस) के संस्थापक मनोज कटारिया ने कहा कि करीब पांच हजार अभिभावकों से बातचीत के दौरान एक प्रतिशत से भी कम ने बच्चों को स्कूल भेजने पर सहमति जताई है। ज्यादातर लोग कोरोना खतरे को देखते हुए आनलाइन शिक्षा के ही पक्ष में हैं। अभिभावकों का कहना है कि सत्र समाप्त होने में कुछ ही दिन शेष हैं ऐसे में वह बच्चों को स्कूल भेजकर खतरे में नहीं डालना चाहते।

गौतमबुद्धनगर के अतिरिक्त प्रभार बेसिक शिक्षा अधिकारी संजय उपाध्याय ने कहा कि परिषदीय स्कूलों और उच्च प्राथमिक स्कूलों में सैनिटाइजेशन कराया गया है, स्कूलों में बनाए गए हैंडवाश सेंटर में छात्रों को हाथ धोने के लिए भी प्रेरित किया जाएगा, ताकि स्वच्छता का पालन किया जाए। 

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