मुंबई-दिल्ली की तर्ज पर अब नोएडा में फ्लैटेड फैक्ट्री, जानिए इस विदेशी कॉन्सेप्ट के बारे में

Flatted factory आईटी सेक्टर से जुड़े केपीओ बीपीओ सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट डिजाइनिंग असेंबलिंग की छोटी फैक्ट्रियां स्थापित की जा सकती हैं।

By JP YadavEdited By: Publish:Thu, 17 Oct 2019 12:22 PM (IST) Updated:Thu, 17 Oct 2019 12:22 PM (IST)
मुंबई-दिल्ली की तर्ज पर अब नोएडा में फ्लैटेड फैक्ट्री, जानिए इस विदेशी कॉन्सेप्ट के बारे में
मुंबई-दिल्ली की तर्ज पर अब नोएडा में फ्लैटेड फैक्ट्री, जानिए इस विदेशी कॉन्सेप्ट के बारे में

नोएडा [कुंदन तिवारी]। मुंबई-दिल्ली की तर्ज पर जल्द ही प्राधिकरण जल्द ही नोएडा में फ्लैटेड फैक्ट्री योजना शुरू कर सकता है। इसके लिए प्राधिकरण की 197वीं बोर्ड बैठक में प्रस्ताव आया था, लेकिन गाइड लाइन न होने से प्रस्ताव को मंजूरी नहीं मिली थी। अब औद्योगिक विभाग इस पर गाइड लाइन तैयार कर रहा है।

इस विशेष मॉडल पर काम करने के लिए अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास प्रमुख सचिव को औद्योगिक विकास मंत्री सतीश महाना ने तीन माह पहले कहा था, पर उससे पहले नोएडा प्राधिकरण ने 200 स्टार्टअप को दो स्थानों पर स्थापित करने का प्रस्ताव बोर्ड बैठक में पास कर दिया।

इसमें फेस टू स्थित भूखंड संख्या बी-187 में निर्मित 2354 वर्ग मीटर क्षेत्रफल एवं सेक्टर-38ए स्थित बॉटेनिकल गार्डन बहुमंजिली कार पार्किंग के सातवें तल पर 27000 वर्ग मीटर जगह शमिल है। इस योजना के तहत स्वरोजगार के लिए भी लोग फ्लोर की बुकिंगत करा सकेंगे। जो लोग जमीन खरीदने या फैक्ट्री बनाने में असमर्थ हैं और उद्योग स्थापित करना चाहते हैं, वह इस योजना का लाभ उठाकर स्वरोजगार के साथ छोटा उद्योग शुरू कर सकते हैं।

अधिकारियों के मुताबिक, फ्लैटेड फैक्ट्री का कांसेप्ट विदेश से आया है। इसके तहत फ्लैटनुमा बहुमंजिला इमारतों का निर्माण किया जाता है, जहां जूता सिलाई, रेडीमेड गारमेंट, इलेक्ट्रॉनिक-इलेक्ट्रॉनिक्स कंपोनेंट, हैंडीक्राफ्ट, फैशन डिजाइन, आईटी सेक्टर से जुड़े केपीओ, बीपीओ, सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट, डिजाइनिंग, असेंबलिंग की छोटी फैक्ट्रियां स्थापित की जा सकती हैं। इन फ्लैटेड फैक्ट्रियों में अन्य सभी संसाधन भी पहले से ही स्थापित होंगे।

दिल्ली में यहां चल रहीं इकाइयां

झिलमिल, झंडेवालान, ओखला, नरेला में फ्लैटेड फैक्ट्री कांप्लेक्स बनाए गए हैं, जो चार मंजिला हैं। वर्ष 2017 में दिल्ली में 10 मंजिला कांप्लेक्स बनाने की योजना पर काम शुरू हो चुका है। इसमें पर्याप्त संख्या में लिफ्ट लगाई जाएंगी। यहां पर प्रदूषण न फैलाने वाली कोई भी फैक्ट्री लगाई जा सकेगी। इस तरह के कांप्लेक्स में छोटे कारोबार को बढ़ावा दिया जाता है, जिसमें 50 मीटर से लेकर 100 मीटर तक एक फैक्ट्री के लिए जगह दी जाएगी।

कम पूंजी वालों के लिए है फ्लैटेड फैक्ट्री

फ्लैटेड फैक्ट्री ऐसे उद्यमियों के लिए है, जो कम पूंजी में अपना व्यवसाय करना चाहते हैं। जिनके पास जमीन खरीदने के लिए पैसे नहीं हैं, वह यहां किराये पर जगह लेकर व्यवसाय कर सकते हैं। फ्लैटेड फैक्ट्री में प्रोजेक्ट के अनुरूप जगह आवंटित होंगे। एक ब्लॉक तैयार है, जिसके आवंटन की प्रक्रिया शुरू की जा रही है।

कुलमणि गुप्ता (अध्यक्ष (नोएडा चैप्टर), इंडियन इंडस्ट्रीज एसोसिएशन) का कहना है कि नोएडा में तमाम ऐसी इकाइयां हैं, जो विस्तार चाहती हैं, लेकिन प्राधिकरण की जमीन महंगी होने के कारण यहां से पलायन कर रहीं हैं। इस योजना के जरिये हजारों नई इकाइयों को नोएडा में स्थापित हो सकती हैं।

वहीं, अनिल कुमार (उपायुक्त, जिला उद्योग केंद) के मुताबिक, फ्लैटेड फैक्ट्री में कमरों को प्रति फ्लोर के हिसाब से उद्यमियों को दिया जाएगा। इससे स्वरोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे। इस पर शासन स्तर पर भी बड़े पैमाने पर काम चल रहा है। प्राधिकरण ने भी हाल में काम शुरू किया है।

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