फोनरवा ने की मांग, कहा- अस्पतालों में खाली बेड की सूचना आरडब्ल्यूए को दें प्रशासन
शनिवार को फेडरेशन आफ नोएडा रेजीडेंट वेलफेयर एसोसिएशन (फोनरवा) कार्यकारिणी की आनलाइन बैठक हुई। इसमें मांग की गई की गैर-कोविड और निजी अस्पतालों को टीके लगाने की प्रशासन अनुमति दें। आरडब्ल्यूए के सहयोग से टीकाकरण शिविरों के माध्यम से सामुदायिक केंद्रों भी व्यवस्था की जानी चाहिए।
नोएडा [पारुल रांझा]। कोरोना महामारी के चलते शहरवासियों को हो रही समस्याओं के समाधान को लेकर शनिवार को फेडरेशन आफ नोएडा रेजीडेंट वेलफेयर एसोसिएशन (फोनरवा) कार्यकारिणी की आनलाइन बैठक का आयोजन किया गया। इस दौरान कोरोना टेस्ट की किल्लत, अस्पताल में बेड की कमी और दवाइयों की किल्लत आदि पर चर्चा की गई।
लोगों के निधन पर जताया शोक
सबसे पहले सभी सदस्यों ने कोरोना के कारण शहर में कई लोगों के निधन पर शोक व्यक्त किया। उनकी आत्मा की शांति के लिए दो मिनट का मौन रखा। फोनरवा अध्यक्ष योगेंद्र शर्मा ने कहा कि अस्पतालों में कितने बेड खाली है इसकी सूचना प्रशासन द्वारा आरडब्ल्यूए को दी जाए, ताकि जरूरतमंदों को अस्पताल में भर्ती किया जा सके। सेक्टरों में कोरोना जांच शिविर लगाए जाए। इससे अधिक से अधिक लोग जांच करा सकेंगे।
कोरोना से बचने के लिए तीसरी लहर का जल्द हो उपाय
महासचिव केके जैन ने कहा कि आरडब्ल्यूए द्वारा विभिन्न सेक्टरों में निवासियों की सहायता के लिए 20 से अधिक आइसोलेशन सेंटर स्थापित किए गए है। सीएओ आफिस से प्राप्त दवा भी आरडब्ल्यूए द्वारा निवासियों को वितरित किया जा रहा है। वरिष्ठ उपाध्यक्ष कर्नल रिटायर्ड शशि वैद्य व ओपी यादव ने कहा कि कोरोना की तीसरी लहर से बचने के लिए सभी को जल्द से जल्द टीका लगाया जाना चाहिए।
गैर-कोविड और निजी अस्पतालों को टीके लगाने की अनुमति मिले
गैर-कोविड और निजी अस्पतालों को टीके लगाने की प्रशासन अनुमति दें। आरडब्ल्यूए के सहयोग से टीकाकरण शिविरों के माध्यम से सामुदायिक केंद्रों भी व्यवस्था की जानी चाहिए। लीगल सचिव टीसी गौड़ ने कहा कि लोगों को डेथ सर्टिफिकेट बनवाने में परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। इसका प्रशासन जल्द समाधान करें। कोरोना संक्रमित गंभीर पीड़ितों के इलाज पर विशेष ध्यान दिया जाए। इस मौके पर राजीव गर्ग, अनिल खन्ना, योगेश शर्मा, जेपी उप्पल, गोविंद शर्मा, सुरेश चौहान, प्रदीप वोहरा, अनिल सिंह, देवेंद्र चौहान, आरके सिंह, लक्ष्मी नारायण आदि मौजूद रहे।