Noida News: जिले में बिना पंजीकरण चल रहे 403 निजी अस्पताल

आदेश जारी करने के बाद भी कोरोना वैक्सीन के लिए निजी अस्पताल स्वास्थ्य विभाग को उनके यहां काम करने वाले कर्मचारियों को डाटा उपलब्ध नहीं करा रहे हैं वहीं बिना पंजीकरण अस्पतालों का संचालन किया जा रहा है।

By Prateek KumarEdited By: Publish:Fri, 27 Nov 2020 07:48 PM (IST) Updated:Fri, 27 Nov 2020 07:48 PM (IST)
Noida News: जिले में बिना पंजीकरण चल रहे 403 निजी अस्पताल
निजी अस्पतालों की मनमानी थमने का नाम नहीं ले रही है।

नोएडा [आशीष धामा]। जिले में निजी अस्पतालों की मनमानी थमने का नाम नहीं ले रही है। एक ओर जहां बार-बार आदेश जारी करने के बाद भी कोरोना वैक्सीन के लिए निजी अस्पताल स्वास्थ्य विभाग को उनके यहां काम करने वाले कर्मचारियों को डाटा उपलब्ध नहीं करा रहे हैं, वहीं बिना पंजीकरण अस्पतालों का संचालन किया जा रहा है। कुल 470 अस्पतालों में सिर्फ 67 ने ही अभी तक विभाग में आवेदन किया है, जबकि अन्य 403 बिना पंजीकरण के चल रहे हैं। उधर, स्वास्थ्य विभाग के अफसर भी निजी अस्पतालों के प्रबंधन के खिलाफ कार्रवाई करने से पीछे कदम हटाते नजर आ रहे हैं।

शासनादेश के अनुसार, हर वर्ष 31 मार्च तक निजी अस्पतालों को पंजीकरण व नवीनीकरण कराना पड़ता है, लेकिन इस बार काेरोना के कारण शासन ने समय अवधि को बढ़ाकर 31 दिसंबर कर दिया है, लेकिन निजी अस्पताल अब भी नवीनीकरण और पंजीकरण कराने में आनाकानी व मनमानी कर रहे हैं। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. दीपक ओहरी ने भी कार्रवाई की चेतावनी देकर जल्द से जल्द नवीनीकरण और पंजीकरण कराने के लिए सभी अस्पतालों के लिए स्पष्ट आदेश जारी कर दिए हैं। उनके आदेश का भी अस्पताल प्रबंधन पर खास असर पड़ता नजर नहीं आ रहा है। हालांकि, शुक्रवार को आइएमए अध्यक्ष डॉ. एनके शर्मा ने सीएमओ से मिलकर समय अवधि को दोबारा 31 मार्च तक करने की मांग की है। उन्होंने शासन को भी इस संबंध में पत्र लिखा है।

विभागीय स्तर पर भी बरती जा रही लापरवाही

मामले में गौर किया जाए तो अस्पतालों के नवीनीकरण और पंजीकरण में सिर्फ निजी अस्पताल ही लापरवाह नहीं है, विभागीय स्तर पर भी काम में ढिलाई बरती जा रही है। अभी तक जिन 67 अस्पतालों ने विभाग में आवेदन किया है, उनका पंजीकरण व नवीनीकरण की फाइल ढाई कोस भी आगे नहीं सरकी है। ऐसे में नियम अनुसार काम करने वाले संचालकों में आक्रोश है।

क्‍या कहते हैं अधिकारी

आइएमएस अध्यक्ष से समय अवधि बढ़ाने की मांग की है, लेकिन इस संबंध में शासन स्तर से फैसला लिया जाना है। शासन का जो भी आदेश होगा, उसके अनुसार काम किया जाएगा। वहीं, विभाग में कहां लापरवाही बरती जा रही है, इस बारे में जांच कर दोषी के खिलाफ कार्रवाई होगी।

डॉ. दीपक ओहरी, मुख्य चिकित्सा अधिकारी

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