UP Conversion Case: 20 छात्रों के पाकिस्तान के आतंकी शिविर में होने की आशंका, सुरक्षा एजेंसियों की बढ़ी चिंता

UP Conversion Case 20 छात्रों के बारे में कोई जानकारी नहीं मिलने से चिंता बढ़ गई है। आशंका है कि इन छात्रों को नेपाल और पाकिस्तान में विशेष प्रशिक्षण देने के लिए बनाए गए आतंकी शिविरों में भेजा गया है।

By Jp YadavEdited By: Publish:Thu, 24 Jun 2021 09:14 AM (IST) Updated:Thu, 24 Jun 2021 10:15 AM (IST)
UP Conversion Case:  20 छात्रों के पाकिस्तान के आतंकी शिविर में होने की आशंका, सुरक्षा एजेंसियों की बढ़ी चिंता
UP Conversion Case: 20 छात्रों के पाकिस्तान के आतंकी शिविर में होने की आशंका

नोएडा [लोकेश चौहान]। नोएडा डेफ सोसायटी के करीब 60 मूक-बधिर छात्रों का मतांतरण कराए जाने की बात अब तक सामने आ चुकी है। इनमें से ऐसे में माना जा रहा है कि बरलगाए गए छात्र देश के भीतर अशांति फैलाने की कोशिश कर सकते हैं। ऐसे में सुरक्षा सतर्क और सावधान हो गई हैं।20 छात्रों के बारे में कोई जानकारी नहीं मिलने से चिंता बढ़ गई है। आशंका है कि इन छात्रों को नेपाल और पाकिस्तान में विशेष प्रशिक्षण देने के लिए बनाए गए आतंकी शिविरों में भेजा गया है।

छात्रों के लापता होने को लेकर खुफिया एजेंसियां सक्रिय
एटीएस सूत्रों के मुताबिक इस मामले में पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आइएसआइ का नाम सामने आने के बाद बड़ी साजिश की आशंका बढ़ गई है। मतांतरण का उद्देश्य एक धर्म विशेष के लोगों को जोड़कर उन्हें अपने मूल धर्म के खिलाफ हिंसात्मक कार्रवाई के लिए तैयार करना है। मतांतरण के बाद छात्रों को पड़ोसी देश में बने आतंकी शिविरों में भेजे जाने की जानकारी पर खुफिया एजेंसियां सक्रिय हो गई हैं। पता किया जा रहा है कि इन छात्रों को किस तरह और कब पड़ोसी देश में भेजा गया।

किस प्रकार की गतिविधियों में रहे थे लिप्त, तेजी से जारी है जांच

पुलिस अधिकारियों के मुताबिक मतांतरण करने वाले और कराने वाले लोगों के फोन काल रिकॉर्ड और इंटरनेट मीडिया पर बने अकाउंट की भी जांच की जा रही है। पता लगाने का प्रयास किया जा रहा है कि आरोपित व उनसे जुड़े लोग कौन थे और किस प्रकार की गतिविधियों में लिप्त रहे हैं।

फाउंडर ने संस्थान में मतांतरण की बात से किया इन्कार

फाउंडर रोमा रोका ने बुधवार को एक वीडियो जारी करते हुए कहा कि संस्थान में किसी भी छात्र का मतांतरण नहीं कराया गया है। संस्था का एटीएस द्वारा गिरफ्तार आरोपितों के साथ कोई संपर्क नहीं है। जिन छात्रों का मतांतरण हुआ है वह कुछ वर्ष पहले संस्थान में पढ़ाई कर चुके हैं। एक शिक्षक की गतिविधि संदिग्ध मिलने पर उसे हटा दिया गया था।

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