बेकार वस्तुओं को नया आकार देकर पर्यावरण संरक्षण का संदेश दे रहीं सुनीता

अजब सिंह भाटी ग्रेटर नोएडा ग्रेटर नोएडा वेस्ट की गौर सिटी सोसायटी के 11 एवेन्यू में रहने वाली सुनीता निगम की उम्र 60 साल है। इसके बावजूद प्राकृतिक संरक्षण को लेकर उनका जज्बा ऐसा है कि युवा भी शरमा जाएं।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 23 Oct 2020 05:29 PM (IST) Updated:Fri, 23 Oct 2020 05:29 PM (IST)
बेकार वस्तुओं को नया आकार देकर पर्यावरण संरक्षण का संदेश दे रहीं सुनीता
बेकार वस्तुओं को नया आकार देकर पर्यावरण संरक्षण का संदेश दे रहीं सुनीता

अजब सिंह भाटी, ग्रेटर नोएडा : ग्रेटर नोएडा वेस्ट की गौर सिटी सोसायटी के 11 एवेन्यू में रहने वाली सुनीता निगम की उम्र 60 साल है। इसके बावजूद प्राकृतिक संरक्षण को लेकर उनका जज्बा ऐसा है कि युवा भी शरमा जाएं। सुनीता न केवल बेकार पड़ी वस्तुओं को नया आकार देकर पर्यावरण का संरक्षण कर रही हैं, बल्कि गरीब व असहाय बच्चियों की जिदगी भी बखूबी संवार रही हैं। मौजूदा समय में घरेलू सहायिकाओं की आधा दर्जन बच्चियों को बेकार सामान की सजावट कर उपयुक्त आकार देने के साथ सिलाई कढ़ाई आदि का प्रशिक्षण देकर उन्हें हुनरमंद बना रही है।

पीर-टू-पीर संस्था से जुड़कर वे गरीब व असहाय लोगों की आर्थिक मदद दे रही हैं, तो गरीब बच्चों को पाठ्य सामग्री, कपड़े, स्कूल ड्रेस आदि देकर उनका भविष्य भी संवार रही हैं। बकौल सुनीता, मुझे पहले से ही बेकार चीजों को नया आकार देने में रूचि थी। मौजूदा समय में ई-कचरा सबसे बड़ी समस्या है। ऐसे में हमने बेकार सामान का सही इस्तेमाल कर पर्यावरण को सहेजने का बीड़ा उठाया। पति की प्रेरणा पर शुरुआत घर से की। घर में टूटी-फूटी वस्तुओं को खुले में फेंकने के बजाय उससे घर की साज-सज्जा के लिए कई सामान तैयार किया। कई ऐसे माडल बनाए, जो आमजन को पर्यावरण संरक्षण का संदेश दे रहे हैं।

सुनीता ने खाने-पीने की चीजों के डब्बे, प्लास्टिक की बोतलें, टेप रोल, वेस्ट पेपर आदि को बाहर फेंकने के बजाय कई चीजें तैयार की है। वेस्ट मैटेरियल से न केवल सजावटी गमले बनाए, बल्कि उनमें पौधे भी रोपे। मोबाइल स्टेंड, बुक पेड, पेन स्टैंड, सजावट की वस्तुएं आदि कई सामान बनाए हैं। ये सामान रोजमर्रा के काम आते हैं। सुनीता बताती है कि परिवार के साथ सोसायटी के अन्य बच्चे भी खाली समय में उनका हाथ बंटाते हैं।

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