शहरनामा : इंतजामों की पोल खोल रही है दमघोंटू हवा

सर्दी का मौसम शुरू होते ही प्रदूषण का स्तर रोकने के लिए शासन प्रशासन और प्राधिकरणों की तरफ से बड़े-बड़े दावे किए जाते हैं।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 31 Oct 2020 10:23 PM (IST) Updated:Sat, 31 Oct 2020 10:23 PM (IST)
शहरनामा : इंतजामों की पोल खोल रही है दमघोंटू हवा
शहरनामा : इंतजामों की पोल खोल रही है दमघोंटू हवा

सर्दी का मौसम शुरू होते ही प्रदूषण का स्तर रोकने के लिए शासन, प्रशासन और प्राधिकरणों की तरफ से बड़े-बड़े दावे किए जाते हैं। लाखों रुपये का बजट बनाया जाता है, लेकिन तमाम दावों और इंतजामों की हवा निकल गई है। जिले की हवा इतनी जहरीली हो गई है कि सांस लेना तक दूभर हो गया है। प्रदूषण विभाग, नोएडा और ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण संयुक्त रूप से प्रदूषण को कम करने के लिए जुर्माना लगाने की कार्रवाई से ऊपर नहीं निकल पा रहे हैं। इससे प्रदेश सरकार के राजस्व में तो भले ही इजाफा हो रहा है, लेकिन सांसों में घुलने वाले जहर को रोकने पर ब्रेक नहीं लग पा रहा है। अब तो सबकी जुबान पर एक ही बात है कि काश, तेज हवा चले और इस दमघोंटू प्रदूषण की अकड़ निकल जाए और हमें सांस लेने के लिए शुद्ध हवा मिल सके।

मैं भी लाइन में हूं..

जिले में कांग्रेस भले ही हाशिए पर है, लेकिन नेताओं ने विधायक बनने की उम्मीद नहीं छोड़ी है। नोएडा में एक नेता ने खुद को भावी विधायक के तौर पर पेश कर गांव की दीवारें रंगवाई, तो दूसरे नेताओं ने भी अंगड़ाई लेनी शुरू कर दी। हाजीपुर गांव के रहने वाले युवा नेता दिनेश अवाना ने ताल ठोकते हुए एक कदम आगे जाकर शहर में जगह-जगह बैनर, पोस्टर व होर्डिंग्स लगवा दिए। उन्होंने यह संदेश देने में कोई कसर नहीं छोड़ी कि नोएडा से पार्टी के टिकट के असली दावेदार तो वहीं है। युवा नेताओं की इस होड़ से उम्रदराज नेताओं में बैचेनी बढ़नी शुरू हो गई है। उन्हें भी लगने लगा है कि 2022 के विधानसभा चुनाव में युवा नेता पार्टी के वरिष्ठों को आसानी से टिकट नही लेने देंगे। पीतांबर शर्मा, कृपाराम शर्मा व देवेंद्र भाटी समेत कई ऐसे वरिष्ठ नेता है, जिन्होंने अपना पूरा जीवन पार्टी को दिया है, लेकिन निष्ठा का इनाम मिलना बाकी है। बसपा-सपा की रार से टूटी आस

राज्यसभा चुनाव से पहले छह बसपा विधायकों द्वारा सपा मुखिया अखिलेश यादव से मिलना पूर्व मुख्यमंत्री मायावती को इतना नागवार गुजरा कि उन्होंने हमेशा के लिए समाजवादी पार्टी से संबंध तोड़ लिए। इससे उन नेताओं को जोर का झटका लगा है, जो आगामी विधानसभा चुनाव में सपा-बसपा गठबंधन के टिकट पर चुनाव लड़ने का सपना देख रहे थे। राजनीतिक गलियारों में यह कयास लगाए जा रहे थे कि भाजपा को रोकने के लिए सपा-बसपा आगामी विधानसभा चुनाव मिलकर लड़ेंगी। इन अटकलों पर बसपा सुप्रीमो ने पूर्ण विराम लगा दिया है। गौतमबुद्धनगर की तीन विधानसभा सीटों से पूर्व विधायक समीर भाटी, सपा-बसपा गठबंधन के टिकट पर लोकसभा चुनाव लड़े सतवीर नागर, पूर्व मंत्री नरेंद्र भाटी के बेटे आशीष भाटी, सुनील चौधरी, नरेंद्र नागर समेत कई नेता गठबंधन से चुनाव लड़ने की फिराक में थे। बसपा के रुख से इनके सपनों पर कुठाराघात हो गया है। अब पछताए का होत, जब चिड़िया चुग गई खेत

दिल्ली के रोहणी निवासी कारोबारी अमन बैसला को न्याय दिलाने के लिए गुर्जर समाज के युवाओं ने बृहस्पतिवार को डीएनडी पर जोरदार प्रदर्शन किया। आयोजक राहुल व मोनू गुर्जर आदि ने प्रदर्शन में शामिल होने के लिए समाज के सभी बड़े गुर्जर नेताओं को आमंत्रित किया। अधिकांश नेताओं ने कोई न कोई बहाना बनाकर आमंत्रण अस्वीकार कर दिया, लेकिन डीएनडी पर जब युवाओं की भारी भीड़ जुटी, तो नेता बहुत पछताए। दरअसल, गौतमबुद्धनगर समेत दिल्ली-एनसीआर में किसी भी प्रदर्शन में इतनी भीड़ नहीं देखी गई थी। नेताओं को भी इसकी उम्मीद नहीं थी। उन्हें लगा कि युवाओं का प्रदर्शन है। इसमें अधिक लोग शामिल नहीं होंगे। वहीं जब भारी भीड़ देखी, तो नेताओं को भी लगा कि इस प्रदर्शन में शामिल होना चाहिए था। उनके हाथ से युवाओं में पैठ बनाने का एक अच्छा मौका निकल गया। कोई भी बड़ा नेता शामिल न होने के बावजूद इतनी भीड़ जुटना आश्चर्य से कम नहीं था।

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