माताओं ने संतान की सुख, समृद्धि व दीर्घायु के लिए रखा व्रत

जागरण संवाददाता नोएडा अहोई अष्टमी के मौके पर माताओं ने अपने संतान के लिए गुरुवार को

By JagranEdited By: Publish:Thu, 28 Oct 2021 10:00 PM (IST) Updated:Thu, 28 Oct 2021 10:02 PM (IST)
माताओं ने संतान की सुख, समृद्धि व दीर्घायु के लिए रखा व्रत
माताओं ने संतान की सुख, समृद्धि व दीर्घायु के लिए रखा व्रत

जागरण संवाददाता, नोएडा :

अहोई अष्टमी के मौके पर माताओं ने अपने संतान के लिए गुरुवार को व्रत रखकर तारों के दर्शन करने के बाद अ‌र्घ्य देकर व्रत का पारण किया। अहोई अर्थात अनहोनी को होनी बनाने वाले पर्व अहोई अष्टमी के दिन गुरुवार सुबह से शहर के मंदिरों में दर्शन-पूजन करने के लिए लोग पहुंचने लगे। महिलाओं ने सुबह से शाम तक निर्जला व्रत रखा। शाम पांच बजकर 40 मिनट से शाम सात बजे तक पूजा-अर्चना की। इस दौरान अहोई माता की कथा, जिसमें साहूकार के बेटी द्वारा साही का बच्चा मर जाने के बाद देवी मां के आशीर्वाद से सात पुत्रों-बहुओं को जीवित कर दिया, सुनी गई। साथ ही मिट्टी के करवे से अ‌र्घ्य देने और आरती करने के साथ जल ग्रहण कर व्रत का पारण किया। घरों से दूर अपने बच्चों को माताओं ने वीडियोकाल कर व्रत का पारण किया है। बेटी-बेटा एक समान, मां ने रखा व्रत

संतान के सुखद जीवन और बेहतर भविष्य के लिए मां ने अहोई अष्टमी का व्रत रखा। बेटा हो या बेटी अहोई अष्टमी पर्व में महिलाओं ने अपने बेटों के साथ बेटियों के लिए प्रार्थना की है। साथ ही कई महिलाएं ऐसी भी है, जो पिछले कई वर्ष से अपनी बेटियों के लिए व्रत रख रही हैं। 25 वर्ष पहले 1996 में बेटी हुई तो अहोई अष्टमी का व्रत पहली बार रखा। घर में लोगों ने मना किया बावजूद इसके व्रत रखना जारी रखा। 2001 में बेटा हुआ।

- शालू गोयल, सेक्टर- 12 दो बेटियां है, जिनके लिए पिछले वर्ष से अहोई अष्टमी का व्रत रखती हूं। बेटियां बेटों से कम नहीं हैं।

-शालिनी गोयल, सेक्टर 27

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अपनी सुंदर बेटियों के लिए व्रत रख रही हूं। मेरी बेटियां मेरी शान हैं।

- डिपल जोशी, सेक्टर- 62

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21 वर्ष से बेटियों के लिए व्रत रख रही हूं। पूजन-अर्चन करने के बाद बच्चों को काला धागा पहनाया है।

- भारती, सेक्टर - 122

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