1.2 लाख से अधिक खरीदारों को प्राधिकरण के नए नियम से होगा लाभ
जागरण संवाददाता नोएडा सुपर एरिया बिल्ट-अप एरिया और बिक्री योग्य क्षेत्र जैसे प्रारूपों के
जागरण संवाददाता, नोएडा :
सुपर एरिया, बिल्ट-अप एरिया और बिक्री योग्य क्षेत्र जैसे प्रारूपों के कारण घर खरीदारों में अकसर भ्रम की स्थिति रहती थी, जिसके अब दूर होने की उम्मीद है। नोएडा प्राधिकरण के क्षेत्र में जल्द ही फ्लैटों की रजिस्ट्री के लिए कारपेट एरिया एकमात्र आधार हो सकता है। दस्तावेजी प्रक्रिया में एकरूपता होने से भी रजिस्ट्री प्रकिया में तेजी आएगी। लीज दस्तावेजों में अस्पष्टता का अभाव नहीं रहेगा। शहर में 1.2 लाख से अधिक इकाइयां पूर्ण होने के विभिन्न चरणों में हैं। आने वाले वर्षों में इनकी रजिस्ट्री होने की उम्मीद है। प्राधिकरण के फैसले का एनसीआर के तमाम डेवलपर्स ने स्वागत किया है।
प्राधिकरण के नियोजन विभाग अधिकारी ने बताया कि प्राधिकरण इस क्षेत्र में और अधिक पारदर्शिता ला रहा है, यह रेरा नियमों में एकरूपता सुनिश्चित करेगा। खरीदारों को अपनी इकाई के वास्तविक आकार को जानने का अधिकार है, और इस घोषणा के बाद खरीदारों को पजेशन के दौरान वास्तविक आकार के अनुसार रजिस्ट्री का भुगतान करना होगा। उन्होंने बताया कि रेरा के दिशा निर्देशों के बाद अधिकांश डेवलपर्स पहले ही इन मानदंडों को लागू कर चुके हैं। अपनी कीमतों को अपडेट कर चुके हैं। जमीनी हकीकत को देखें, तो इससे अपार्टमेंट की कुल कीमत या सरकारी पंजीकरण विभाग और सरकारी खजाने द्वारा अर्जित राजस्व में कोई अंतर नहीं आएगा। इस क्षेत्र के अधिकांश डेवलपर्स पहले से ही इन मानदंडों का पालन कर रहे थे, लेकिन इस निर्णय से इस क्षेत्र में अधिक एकरूपता होगी। डेवलपर्स आम क्षेत्रों पर होने वाले खर्चों को समायोजित करने के लिए लागत में वृद्धि करेंगे, लेकिन खरीदारों द्वारा भुगतान की गई कीमत वही रहेगी।
-यश मिगलानी, एमडी, मिगसन ग्रुप एक जिम्मेदार समूह के रूप में हमने इसे पहले ही रेरा के अनुसार दिशा निर्देशों को लागू कर दिया है। हमें इसे जारी रखने में खुशी होगी।
-अमित मोदी, निदेशक, एबीए कार्प सभी डेवलपर्स द्वारा खरीदार को कारपेट एरिया बताना होगा। इससे अपार्टमेंट की लागत पर कोई बड़ा प्रभाव नहीं पड़ेगा।
-विकास वधावान, ग्रुप सीएफओ, हाउसिग डाट काम इससे प्रति वर्ग फुट लागत बढ़ सकती है, लेकिन इकाइयों की कुल कीमत वही रहेगी। इस घोषणा से खरीदारों पर कोई बोझ नहीं पड़ेगा।
-धीरज बोरा, प्रमुख (मार्केटिग एंड कम्युनिकेशन), पैरामाउंट ग्रुप