चार हजार से अधिक लंबित मामलों के लिए प्राधिकरण नियुक्त करेगा लॉ फर्म
जागरण संवाददाता नोएडा प्राधिकरण ने कानूनी चुनौतियों से निपटने के लिए कानूनी फर्म के साथ कार्य करने का फैसला लिया है। इसके चयन की प्रक्रिया शुरू है। इसकी एक वजह प्राधिकरण के विधि विभाग में कानूनी सलाहकारों की कमी होना है। वर्तमान में प्राधिकरण में चार हजार से अधिक मामले कानूनी दांव-पेच में फंसे हुए हैं। इनका निस्तारण होना जरूरी है।
जागरण संवाददाता, नोएडा : प्राधिकरण ने कानूनी चुनौतियों से निपटने के लिए कानूनी फर्म के साथ कार्य करने का फैसला लिया है। इसके चयन की प्रक्रिया शुरू है। इसकी एक वजह प्राधिकरण के विधि विभाग में कानूनी सलाहकारों की कमी होना है। वर्तमान में प्राधिकरण में चार हजार से अधिक मामले कानूनी दांव-पेच में फंसे हुए हैं। इनका निस्तारण होना जरूरी है।
प्राधिकरण के विधि विभाग में संविदाकर्मियों सहित कुल 26 कर्मचारी हैं। केवल छह को विधि अधिकारी व कानूनी मामलों पर राय देने के लिए नामित किया गया है। प्राधिकरण के मुख्य कानूनी सलाहकार का तबादला इसी वर्ष सात अप्रैल को हो चुका है। वर्तमान में उनके स्थान पर एसीईओ प्रवीण मिश्रा कार्य कर रहे हैं। प्राधिकरण अधिकारी ने बताया कि विभिन्न अदालत व न्यायाधिकरण के समक्ष चार हजार से अधिक मामले लंबित हैं। साथ ही रोजाना नए मामले व प्राधिकरण के खिलाफ याचिकाएं दायर की जा रही हैं। कानूनी फर्म नोएडा प्राधिकरण की आंतरिक टीम जैसे प्रतिदिन के ड्राफ्ट, कोर्ट व ट्रिब्यूनल के समक्ष पक्ष रखने, आर्बिटर आदि कई और कानूनी संबंधित कार्य करेगा। एनसीएलटी के मामलों में होगी महत्वपूर्ण भूमिका : नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल से संबंधित मामले बेहद जटिल हैं। प्राधिकरण की लॉ सदस्यों के पास उनसे निपटने की विशेषज्ञता है, लेकिन कार्य की अधिकता होने के चलते काफी परेशानी होती है। वर्तमान में नया नोएडा के विकास के लिए 80 गांवों में भूमि अधिग्रहण पर काम शुरू करेंगे। वैसे ही भूमि दस्तावेजों और म्यूटेशन रिकार्ड का बड़े पैमाने पर सत्यापन किया जाएगा। ऐसे में एक निजी फर्म का होना बेहद जरूरी है।