नोएडा एयरपोर्ट के विस्तार के लिए जल्द शुरू होगा जमीन अधिग्रहण

जागरण संवाददाता ग्रेटर नोएडा नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के विस्तार के लिए जमीन अधिग्रहण

By JagranEdited By: Publish:Tue, 26 Jan 2021 09:51 PM (IST) Updated:Tue, 26 Jan 2021 09:51 PM (IST)
नोएडा एयरपोर्ट के विस्तार के लिए जल्द शुरू होगा जमीन अधिग्रहण
नोएडा एयरपोर्ट के विस्तार के लिए जल्द शुरू होगा जमीन अधिग्रहण

जागरण संवाददाता, ग्रेटर नोएडा : नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के विस्तार के लिए जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया जल्द शुरू होगी। प्रदेश कैबिनेट ने एयरपोर्ट के विस्तार चरण के लिए भूमि अधिग्रहण कानून के तहत जमीन अधिग्रहण करने पर मुहर लगा दी है। 1365 हेक्टेयर जमीन के अधिग्रहण के लिए प्रदेश सरकार पहले ही दो हजार करोड़ रुपये आवंटित कर चुकी है। नोएडा, ग्रेटर नोएडा व यमुना प्राधिकरण को अपनी अंशधारिता के अनुपात में पूंजी जुटानी होगी।

नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट को चीन के बाद एशिया का दूसरा सबसे बड़ा एयरपोर्ट बनाने के लिए प्रदेश कैबिनेट ने पांच रनवे के विस्तार को मंजूरी दे दी है। पहले चरण में दो रनवे का निर्माण हो रहा है। इसका मास्टर प्लान अभी स्वीकृत होना है।

वहीं विस्तार के पहले चरण के लिए 1365 हेक्टेयर जमीन अधिग्रहण करने पर भी स्वीकृति दे दी है। इससे करीब आठ गांव प्रभावित होंगे। प्रभावित किसानों को जमीन अधिग्रहण कानून के सभी लाभ दिए जाएंगे। पुनर्वास एवं पुन‌र्व्यवस्थापन किया जाएगा। जमीन अधिग्रहण पर करीब साढ़े तीन हजार करोड़ रुपये खर्च होंगे। यह रकम नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट कंपनी लिमिटेड नियाल में अंशधारक प्रदेश सरकार, नोएडा, ग्रेटर नोएडा व यमुना प्राधिकरण को जुटानी होगी।

प्रदेश सरकार व नोएडा प्राधिकरण की कंपनी में 37.5-37.5 व ग्रेटर नोएडा और यमुना प्राधिकरण की 12.5-12.5 फीसद की हिस्सेदारी है। प्रदेश सरकार दो हजार करोड़ आवंटित कर चुकी है। प्राधिकरणों को पूंजी जुटानी होगी।

नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के लिए पांच हजार हेक्टेयर जमीन आरक्षित है। पहले चरण के लिए 1334 हेक्टेयर जमीन अधिग्रहीत हो चुकी है। विस्तार के पहले चरण में 1365 हेक्टेयर जमीन का अधिग्रहण और होगा। शेष जमीन अन्य चरण के लिए अधिग्रहीत होगी। विस्तार के पहले चरण में अधिग्रहीत होने वाली जमीन पर एक रनवे का निर्माण होगा, जो मुख्य रूप से कार्गो सेवा के लिए उपयोग होगा। एयरपोर्ट से अस्सी लाख टन कार्गो व दो करोड़ तीस लाख यात्रियों को सेवाएं प्रदान की जाएंगी।

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