हादसा फालोअप : गार्डर खिसकने से भरभरा गई थी औद्योगिक ईकाई

जागरण संवाददाता नोएडा सेक्टर-11 स्थित एफ-62 ब्लाक में औद्योगिक ईकाई की इमारत गार्डर खिसक

By JagranEdited By: Publish:Sun, 02 Aug 2020 10:55 PM (IST) Updated:Sun, 02 Aug 2020 10:55 PM (IST)
हादसा फालोअप : गार्डर खिसकने से भरभरा गई थी औद्योगिक ईकाई
हादसा फालोअप : गार्डर खिसकने से भरभरा गई थी औद्योगिक ईकाई

जागरण संवाददाता, नोएडा : सेक्टर-11 स्थित एफ-62 ब्लाक में औद्योगिक ईकाई की इमारत गार्डर खिसकने की वजह से गिरी थी। इंजीनियरिग विभाग ने प्राथमिक जांच रिपोर्ट में यह बात सामने आ रही है। फैक्ट्री में कंस्ट्रक्शन का काम किया जा रहा था। इस दौरान गार्डर व पटिया अपनी जगह से हट गए। इन पर कंकरीट का भार था। गार्डर व पटिया कंकरीट के साथ नीचे गिरे, जिससे कामगारों को बचने का मौका तक नहीं मिल सका।

शुक्रवार शाम करीब सात बजे सेक्टर-11 एफ-62 शक्ति टेक्नोफेब नाम की एक औद्योगिक ईकाई की इमारत का एक हिस्सा भरभराकर गिर गया। मलबे में पांच लोग दब गए। इसमें दो की मौत हो चुकी है। जबकि तीन का इलाज अस्पताल में चल रहा है। विगत 23 साल से कंपनी में सोलर पैनल बनाने का काम किया जा रहा था। इमारत का निर्माण पुरानी तकनीक यानी गार्डर व पटिया लगाकर किया गया था। घटना के समय कंपनी में कंस्ट्रक्शन के साथ प्लंबरिग का काम किया जा रहा था। इसमें करीब नौ फीट का पाइप डाला जा रहा था। इमारत काफी पुरानी व मरम्मत का काम नहीं होने से कमजोर हो चुकी थी।

प्राधिकरण वर्क सर्किल एक के वरिष्ठ परियोजना अभियंता एके सक्सेना ने अपनी रिपोर्ट में बताया कि गार्डर व पटिया खिसकने से ही पूरा कंकरीट का जाल नीचे गिर गया। यह आपस में जुड़े नहीं होते ऐसे में उसके नीचे काम कर रहे मजदूरों को संभलने का मौका तक नहीं मिला और उसमें दब गए।

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तीन विभाग की संयुक्त टीम कर रही जांच

मामले की जांच प्राधिकरण के तीन विभागों की टीम कर रही है। इसमें औद्योगिक विभाग के ओएसडी, सिविल विभाग के महाप्रबंधक व नियोजन विभाग के वरिष्ठ प्रबंधक शामिल है। एक सप्ताह में इनको अपनी रिपोर्ट मुख्य कार्यपालक अधिकारी को देनी होगी। जांच में यह भी देखा जाएगा कि बिना अनुमति के कंपनी में कंस्ट्रक्शन कार्य कैसे किया जा रहा था। इसमें अवर अभियंता से लेकर तमाम अधिकारियों की लापरवाही भी सामने आ सकती है। इन पर गाज भी गिर सकती है।

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आज भी कई इकाइयां गार्डर व पटिया पर टिकी हैं

80 व 90 के दशक में बनाई जाने वाली इमारतों में गार्डर व पटिया का प्रयोग किया जाता था। उसे सबसे मजबूत माना जाता था। लेकिन यदि मरम्मत न की जाए तो बारिश व सीलन के चलते यह कमजोर पड़ जाते है। गार्डर में जंग लगने से यह कमजोर हो जाते है और इनके टूट कर गिरने की संभावना प्रबल हो जाती है।

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