ग्रेटर नोएडा में सैकड़ों भूखंडों पर लटकी रद होने की तलवार

जागरण संवाददाता ग्रेटर नोएडा ग्रेटर नोएडा में सैकड़ों भूखंडों के रद होने की तलवार लट

By JagranEdited By: Publish:Sun, 09 Aug 2020 07:46 PM (IST) Updated:Sun, 09 Aug 2020 07:46 PM (IST)
ग्रेटर नोएडा में सैकड़ों भूखंडों पर लटकी रद होने की तलवार
ग्रेटर नोएडा में सैकड़ों भूखंडों पर लटकी रद होने की तलवार

जागरण संवाददाता, ग्रेटर नोएडा: ग्रेटर नोएडा में सैकड़ों भूखंडों के रद होने की तलवार लटक गई है। पांच साल या उससे पहले आवंटित भूखंडों पर निर्माण के लिए एक साल का समय मिलेगा। इससे आने वाले समय में ग्रेटर नोएडा में निर्माण गतिविधियां तेज हो सकती हैं, जो आवंटी भूखंड का निर्माण नहीं कर सकेंगे, प्राधिकरण उनका आवंटन रद कर नए सिरे से आवंटन करेगा।

प्रदेश सरकार ने उत्तर प्रदेश औद्योगिक क्षेत्र विकास अधिनियम में संशोधन किया है। इसके तहत प्राधिकरण से आवंटित भूखंड पर अगर पांच साल में निर्माण नहीं होता है तो प्राधिकरण आवंटन रद कर उसे अपने कब्जे में लेगा। भूखंड का नए सिरे से आवंटन होगा। प्राधिकरण बोर्ड ने इस संशोधन को स्वीकार कर लिया है।

ग्रेटर नोएडा में ऐसे सैकड़ों भूखंड हैं जिन्हें आवंटित हुए पांच साल से अधिक का समय बीत चुका है, लेकिन अभी तक इन पर निर्माण कार्य नहीं हुआ है। इसमें सूचना प्रौद्योगिकी, बीपीओ समेत नॉलेज पार्क पांच के संस्थागत भूखंड भी शामिल हैं, जो वर्षों बाद भी उजाड़ हैं। इन पर झाड़ियां उग आई हैं। विभिन्न हिस्सों में खाली इन भूखंडों की वजह से जहां ग्रेटर नोएडा को शहर का स्वरूप नहीं मिल पा रहा है। वहीं इनके आस पास बसने वाले भी परेशान हैं।

अब इन भूखंड स्वामियों को निर्माण कार्य के लिए एक साल का वक्त मिलेगा। इससे ग्रेटर नोएडा में आने वाले समय में निर्माण गतिविधियों में तेजी आने की उम्मीद है। आवंटी अपने भूखंड का आवंटन रद होने से बचाने के लिए निर्माण कार्य शुरू कराएंगे। वहीं जिन भूखंडों का आवंटन रद होगा, उनसे शहर में निवेश करने वालों के लिए भी मौका मिलेगा। ग्रेटर नोएडा में औद्योगिक भूखंडों के लिए जमीन नहीं बची है।

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