घर के भेदी ने रची 'लंका' ढहाने की साजिश
मनीष तिवारी ग्रेटर नोएडा बीटा कोतवाली क्षेत्र में डकैती की घटना का पुलिस ने महज 24 घंटे में ही पर्दाफाश कर दिया। घटना को गोदाम में काम कर चुके पूर्व कर्मचारी कपिल ने अपने साथियों के साथ मिलकर अंजाम दिया था। घटना को अंजाम देने के दौरान एक बदमाश ने अपने साथी का नाम ले लिया था।
मनीष तिवारी, ग्रेटर नोएडा: बीटा कोतवाली क्षेत्र में डकैती की घटना का पुलिस ने महज 24 घंटे में ही पर्दाफाश कर दिया। घटना को गोदाम में काम कर चुके पूर्व कर्मचारी कपिल ने अपने साथियों के साथ मिलकर अंजाम दिया था। घटना को अंजाम देने के दौरान एक बदमाश ने अपने साथी का नाम ले लिया था। बदमाशों को लगा कि गार्ड उसे पहचान लेगा। इस कारण जाते वक्त उसका गला चाकू से काट दिया था। बदमाश यह समझे थे कि गार्ड की मौत हो जाएगी, लेकिन हिम्मत दिखाते हुए गार्ड ने अपनी जान बचाई।
ज्ञात हो कि कासना औद्योगिक सेक्टर साइट चार एफ-13 में राकेश जैन का इंडियन टोबैको कंपनी का गोदाम है। बुधवार देर रात पांच बदमाशों ने डकैती की घटना को अंजाम दिया था। लगभग 25 लाख रुपये कीमत की सिगरेट लूट ली थी और जाते वक्त गार्ड सुनील राय के गले पर चाकू से गहरा घाव कर गए थे। बृहस्पतिवार देर रात पुलिस व बदमाशों के बीच मुठभेड़ हुई थी। पुलिस की गोली लगने से घोड़ी बछेड़ा गांव निवासी रोहित, कपिल व रोहित घायल हो गए थे। साथ ही पुलिस ने घटना को अंजाम देने वाले दो बाल अपराधी को बाल संरक्षण अधिकारी के सुपुर्द कर दिया। गार्ड का इलाज अस्पताल में चल रहा है। उसकी हालत नाजुक बनी हुई है।
बताया गया कि मुख्य साजिशकर्ता कपिल गोदाम में नौकरी कर चुका था। गोदाम मालिक ने कुछ माह पूर्व उसे नौकरी से निकाल दिया था। कपिल को गोदाम में रखे रहने वाले लाखों रुपये के माल व सुरक्षा व्यवस्था की पूरी जानकारी थी। अपने साथियों के साथ वह नकाब लगाकर गोदाम में घुसा था। बदमाशों ने सबसे पहले गार्ड को बंधक बनाया। उसका हाथ-पैर बांधकर एक स्थान पर बैठा दिया। घटना को अंजाम देने के दौरान एक बार उसके साथियों ने कपिल का नाम लिया। कपिल ने उसे समझाया कि दोबारा नाम मत ले। कुछ देर बाद हड़बड़ी में दूसरे साथी ने भी कपिल का नाम ले लिया। कपिल को लग गया कि गार्ड ने उसे पहचान लिया है। पुलिस उसे पकड़ लेगी। ऐसे में कपिल ने अपने साथी रोहित से उसकी हत्या करने के लिए कहा। रोहित ने गले पर चाकू से गहरा वार किया, जिससे खून बहने लगा। बदमाशों को लगा कि गार्ड का हाथ-पैर बंधा है और खून बह रहा है, तो कुछ देर में ही इसकी मौत हो जाएगी। हिम्मत दिखाते हुए उसने बंधे हाथ-पैर खोल लिए और सामने स्थित माल में काम करने वाले गार्डों की मदद से जान बचाई।