अस्पतालों ने भर्ती से किया इन्कार तो पेड़ के नीचे शुरू किया इलाज

संवाद सहयोगी जेवर इलाज के लिए सरकारी व निजी अस्पताल में दर-दर की ठोकर खाने के बाद जेवर के मेवला गोपालगढ़ गांव के मरीजों को भर्ती नहीं किया गया। अधिकारियों से गुहार लगाने का नतीजा भी सिफर रहा। थक हारकर बीमार ग्रामीणों के स्वजन ने गांव में एक स्थान पर नीम के पेड़ के नीचे ही खाट बिछा मरीज का इलाज शुरू कर दिया।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 15 May 2021 09:54 PM (IST) Updated:Sat, 15 May 2021 09:54 PM (IST)
अस्पतालों ने भर्ती से किया इन्कार तो पेड़ के नीचे शुरू किया इलाज
अस्पतालों ने भर्ती से किया इन्कार तो पेड़ के नीचे शुरू किया इलाज

संवाद सहयोगी जेवर: इलाज के लिए सरकारी व निजी अस्पताल में दर-दर की ठोकर खाने के बाद जेवर के मेवला गोपालगढ़ गांव के मरीजों को भर्ती नहीं किया गया। अधिकारियों से गुहार लगाने का नतीजा भी सिफर रहा। थक हारकर बीमार ग्रामीणों के स्वजन ने गांव में एक स्थान पर नीम के पेड़ के नीचे ही खाट बिछा मरीज का इलाज शुरू कर दिया। आक्सीजन के साथ ही इलाज की सारी व्यवस्था वहीं पर कर दी। जिले में मुख्यमंत्री के दौरे की सूचना के बाद पीएचसी प्रभारी ने गांव पहुंच मरीज को अस्पताल में भर्ती करने का आग्रह किया। ग्रामीणों ने प्रभारी को खरी-खोटी सुनाई। उनके साथ गए दो अन्य लोगों को एक मरीज के स्वजन ने लौटा दिया।

सांसद व पूर्व मंत्री डॉ. महेश शर्मा के जनप्रतिनिधि सतपाल तालान के बड़े भाई हरवीर सिंह को भी स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही का शिकार होना पड़ा। योगेश तालान ने बताया कि हरवीर सिंह ने 29 अप्रैल को जिम्स ग्रेनो में कोविड का पहला टीका लगवाया था, जिसके बाद हरवीर की तबीयत खराब रहने लगी। जांच में रिपेार्ट पॉजिटिव आई। जेवर से नोएडा तक के अस्पताल में भर्ती कराने के लिए दौड़ लगाई, लेकिन किसी ने भर्ती नहीं किया। तीन की हो चुकी मौत

गोपालगढ़ गांव में दो सप्ताह में तीन लोगों की बीमारी से मौत हो चुकी है, जिसकी वजह से ग्रामीणों में भय का माहौल है। ग्रामीणों ने बताया कि एक मई को राधेश्याम, नौ मई को राजेंद्र सिंह व 14 मई को इंद्रजीत की मौत हो चुकी है। गांव में लगभग प्रत्येक घर में बुखार, खांसी व जुकाम के मरीज हैं।

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