हाल-ए-प्रशासन
दोस्त फेल हो जाए तो दुख होता है लेकिन अगर दोस्त टॉप कर जाए तो ज्यादा दुख होता है। मानव स्वभाव के बारे में थ्री इडियट फिल्म का यह डायलाग काफी प्रसिद्ध है। ठीक ऐसा ही एक वाकया सेक्टर-30 स्थित जिला अस्पताल में सामने आया।
सीएमएस गई तो मिला सुकून
दोस्त फेल हो जाए तो दुख होता है, लेकिन अगर दोस्त टॉप कर जाए तो ज्यादा दुख होता है। मानव स्वभाव के बारे में थ्री इडियट फिल्म का यह डायलाग काफी प्रसिद्ध है। ठीक ऐसा ही एक वाकया सेक्टर-30 स्थित जिला अस्पताल में सामने आया। दूसरी लहर से पहले सीएमएस डॉ.वीबी ढाका का सीएमओ के लिए प्रमोशन होने के बाद शासन ने एमएस डॉ.रेनू अग्रवाल को यह पदभार दिया था, जबकि इनसे कई वरिष्ठ चिकित्सक अस्पताल में मौजूद थे। डॉ.राजेंद्र सिंह भी उनमें से एक हैं। उन्होंने डॉ.रेनू को अपना दोस्त बताया, लेकिन यूपीएससी की सूची के आधार पर वरिष्ठ होने के बावजूद सीएमएस न बनाने पर शासन से नाराजगी जाहिर की। चूंकि सीएमएस डॉ.रेनू अग्रवाल का अब मेरठ तबादला हो गया है और नई सीएमएस डॉ.सुषमा चंद्रा इन दोनों से वरिष्ठ हैं, तो डॉ.राजेंद्र को भी अब सुकून मिल गया है। ---
कहीं खुशी, कहीं गम जिला अस्पताल की सीएमएस डॉ.रेनू अग्रवाल के तबादले की जैसे ही अस्पताल में सूचना फैली, कई चिकित्सकों व पैरा मेडिकल स्टाफ के चेहरे खिल गए, जबकि कुछ की आंखों से मैडम के लिए आंसू निकल आए। कई चिकित्सकों ने तो उस रात खीर-पूरी तक बनाकर गाय को खिलाई थी, जबकि तबादले से नाराज कई कर्मचारियों ने कार्य बहिष्कार कर घंटों तक अस्पताल में धरना-प्रदर्शन किया। नोएडा कोविड अस्पताल के चिकित्सक डॉ.टीके सक्सेना तो मैडम के जाने से इतने दुखी हैं कि उन्होंने उनका तबादला रोकने के लिए ट्विटर पर मुहिम भी शुरू कर दी है। वेबसाइट व ट्विटर पर उनका तबादला न होने देने की अपील कर रहे हैं। डॉ.सक्सेना कहते हैं कि डॉ.रेनू के नेतृत्व में उन्होंने डेढ़ वर्ष तक सेक्टर-39 नोएडा कोविड अस्पताल में काम किया। कदम-कदम पर साथ देने के साथ ही मैडम ने उनका मार्गदर्शन भी किया। इस समय को वह हमेशा याद रखेंगे।
--- फीका पड़ा साहब का रंग
मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ.दीपक ओहरी का सहारनपुर तबादला हो गया है। उनके कार्यकाल में कई मेडिकल अफसरों की बल्ले-बल्ले रही। आज वही मायूस होकर हाथ रगड़ते नजर आ रहे हैं। मेडिकल आफिसर डॉ.चंदन सोनी भी उनमें से एक हैं। सीएमओ साहब के कार्यकाल में डॉ.चंदन सोनी का इतना जलवा था कि कर्मचारी बात करते समय उनकी नजरों को देखकर सहम जाते थे। दरअसल, सोनी साहब का हर समय सीएमओ के साथ उठना-बैठना व गाड़ी में उनके साथ ही चलना-फिरना होता था। किसी कर्मचारी में उस वक्त उनकी बात काटने की हिम्मत तक नहीं थी, लेकिन साहब के जाते ही उनका रंग फीका पड़ गया है। अब तो वह कई दिनों की छुट्टी पर चले गए हैं। कर्मचारियों का अंदाजा है कि मन न लगने के चलते सोनी साहब सीएमओ डॉ.ओहरी से मिलने सहारनपुर गए हैं। इस बात का विभाग में सब मजाक बना रहे हैं। कोरोना टीकाकरण के लिए भागमभाग
जैसे-जैसे जिले में कोरोना टीकाकरण की किल्लत बढ़ती जा रही है, वैसे-वैसे केंद्रों पर वैक्सीन के लिए भागमभाग शुरू हो गई है। कोरोना की तीसरी लहर का खौफ लोगों में इस कदर है कि केंद्रों पर पहली व दूसरी डोज के लिए रोज हजारों लोग पहुंचते हैं। जुगाड़ से जहां कुछ मिनटों में ही फ्री हो जाते हैं, वही आम लोगों को धूप व बरसात में घंटों तक इंतजार करना पड़ता है। लोगों को डर है कि जब दूसरी लहर इतनी घातक साबित हुई तो तीसरी लहर का रूप क्या होगा। उधर, कोरोना के रोज मिल रहे नए वेरिएंट ने भी लोगों को मानसिक तनाव देना शुरू कर दिया है। सोमवार को सेक्टर-22 निवासी 75 वर्षीय रामपाल यादव जिला अस्पताल में टीके की दूसरी डोज के लगवाने के लिए पहुंचे थे। दूसरी डोज लगने के बाद उन्होंने परमात्मा से बस यहीं दुआ की कि मौत का कोई भी कारण हो, लेकिन कोरोना तो बिल्कुल न हो।