सेवानिवृत्तों ने खोले युवाओं की कामयाबी के द्वार

अजब सिंह भाटी ग्रेटर नोएडा समाज को सही दिशा देने के लिए मामूली प्रयासों से भी बड़े बदलाव लाए जा सकते हैं। विभिन्न उच्च पदों से सेवानिवृत्त गौतमबुद्धनगर के सादुल्लापुर गांव के लोगों के समूह ने इसे सच साबित कर दिया है। ये समूह युवक-युवतियों को कामयाबी की राह दिखाने के लिए पिछले तीन साल से निश्शुल्क लाइब्रेरी का संचालन कर रहा है।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 01 Mar 2021 08:23 PM (IST) Updated:Mon, 01 Mar 2021 08:23 PM (IST)
सेवानिवृत्तों ने खोले युवाओं की कामयाबी के द्वार
सेवानिवृत्तों ने खोले युवाओं की कामयाबी के द्वार

अजब सिंह भाटी, ग्रेटर नोएडा : समाज को सही दिशा देने के लिए मामूली प्रयासों से भी बड़े बदलाव लाए जा सकते हैं। विभिन्न उच्च पदों से सेवानिवृत्त गौतमबुद्धनगर के सादुल्लापुर गांव के लोगों के समूह ने इसे सच साबित कर दिया है। ये समूह युवक-युवतियों को कामयाबी की राह दिखाने के लिए पिछले तीन साल से निश्शुल्क लाइब्रेरी का संचालन कर रहा है। गांव ही नहीं, अपितु आसपास के ग्रामीण अंचलों से युवक व युवतियां पहुंचकर किताबों को पढ़कर अपने भविष्य को वाजिब दिशा दे रहे हैं। विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने के बाद 70 से अधिक युवक-युवतियां पुलिस, प्रशासन, शिक्षण संस्थानों के साथ विभिन्न सरकारी महकमों में कार्यरत है।

लाइब्रेरी का संचालन कर रहे ग्रामीण व पूर्व प्रधानाचार्य राजवीर सिंह शास्त्री बताते हैं कि उन्होंने अपना पूरा जीवन बच्चों को शिक्षा देने में ही लगा दिया। सेवानिवृत्ति के बाद शिक्षा के प्रकाश को फैलाने की ललक ने उन्हें गांव में पुस्तकालय खोलने की प्रेरणा दी। अपने सहयोगी सेवानिवृत्त रामनिवास नागर व राजेंद्र शर्मा के साथ मिलकर उन्होंने लाखों रुपये की किताबें और फर्नीचर आदि की व्यवस्था की। लाइब्रेरी में करीब पांच हजार किताबें है। पुलिस प्रशासन की विभिन्न भर्ती परीक्षाओं से लेकर आइएएस, पीसीएस की तैयारियों के लिए विभिन्न पैटर्न पर आधारित पुस्तकें लाइब्रेरी में उपलब्ध है। फिलहाल 40 से अधिक युवक-युवतियां विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रही हैं।

वर्जन..

लाइब्रेरी में हर प्रतियोगी परीक्षा की किताबें उपलब्ध हैं। आसपास लाइब्रेरी न होने से गाजियाबाद अथवा दिल्ली जाना पड़ता था, लेकिन अब गांव में प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी की जा रही है।

-पंकज नागर, छात्र मौजूदा दौर में शिक्षण संस्थान महज धन कमाने का जरिया बन चुके हैं। ग्रामीण क्षेत्र में युवाओं को पढ़ाई की तरफ मोड़ने और प्रतिभाओं को निखारने का सफल प्रयास हो रहा है।

-अंकुर चावड़ा, छात्र

यहां लाइब्रेरी खुली देख इसकी देखा-देखी आसपास के कई गांवों में भी लाइब्रेरी खुल गई है। किताबी ज्ञान के सहारे भविष्य तराशने का अच्छा प्लेटफार्म मिला है।

-प्रिया , छात्रा

लाइब्रेरी में किताबें पढ़ने से बहुत लाभ मिला है। भाषाई कौशल विकसित होने के साथ ही लेखनी व शब्दकोश में भी बढ़ोतरी हुई है।

-अन्नू नागर, छात्रा

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