मुआवजा उठी जमीन पर काट दी अवैध कॉलोनी, प्राधिकरण बेखबर
जागरण संवाददाता ग्रेटर नोएडा ग्रेटर नोएडा वेस्ट की बेशकीमती जमीन पर भू-माफिया और कॉलोनाइजरों ने अवैध कॉलोनी काट दी हैं। हैरत की बात यह है कि जमीन प्राधिकरण की है। किसान जमीन का मुआवजा उठा चुके हैं।
जागरण संवाददाता, ग्रेटर नोएडा : ग्रेटर नोएडा वेस्ट की बेशकीमती जमीन पर भू-माफिया और कॉलोनाइजरों ने अवैध कॉलोनी काट दी हैं। हैरत की बात यह है कि जमीन प्राधिकरण की है। किसान जमीन का मुआवजा उठा चुके हैं। इसके बावजूद प्राधिकरण ने जमीन पर कब्जा नहीं लिया। भू-माफिया और कॉलोनाइजरों ने इसका फायदा उठाते हुए जमीन पर कॉलोनी बसा दी। पतवाड़ी गांव के टीकम यादव ने अभिलेखों के साथ मामले की शिकायत मुख्यमंत्री और मुख्य सचिव को दी है। उनका आरोप है कि मुआवजा उठी करीब 500 बीघा जमीन पर अवैध कॉलोनी काटी गई है। जमीन की कीमत करोड़ों में है।
मुख्यमंत्री को भेजे अभिलेखों के अनुसार, हैबतपुर गांव में 20 हेक्टेयर, बिसरख में 15, जलपुरा में 35, इटैड़ा व पतवाड़ी में 10-10 हेक्टेयर जमीन पर अवैध कॉलोनी बसाई गई है। राजस्व अभिलेखों में जमीन पर ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण का नाम दर्ज है। जबकि मौके पर कई मंजिला मकान बन गए हैं। लोग ने कॉलोनाइजरों से छोटे-छोटे भूखंड खरीदकर तीन-तीन मंजिला मकान बना लिए हैं। किसानों ने जमीन के मूल मुआवजे के अलावा 64.7 फीसद अतिरिक्त मुआवजा भी उठा लिया है। जिन किसानों की जमीन है, उन्हें प्राधिकरण ने अर्जित भूमि के बदले में छह फीसद भूखंड भी आवंटित कर दिए हैं। यानी प्राधिकरण का करोड़ों रुपये मुआवजे के रूप में चला गया और इतने ही धनराशि की जमीन प्राधिकरण ने छह फीसद भूखंड के रूप में किसानों को विकसित सेक्टर में दे दी है।
आश्चर्य की बात यह है कि करोड़ों रुपये खर्च करने के बाद भी प्राधिकरण को कुछ नहीं मिला है। कॉलोनाइजर ने अनजान लोग को भूखंड बेचकर लाखों कमा लिए। टीकम यादव का आरोप है कि प्राधिकरण बेखबर बना हुआ है। अर्जित जमीन पर धड़ाधड़ अवैध कॉलोनी बसाई जा रही है, लेकिन प्राधिकरण अधिकारी अनजान बने हुए हैं। उन्होंने प्राधिकरण के सीईओ को पत्र भेजकर पूरे मामले से अवगत कराया है। प्राधिकरण एसीईओ केके गुप्ता का कहना है कि अविलंब मामले की जांच कराकर कार्रवाई की जाएगी। प्राधिकरण की जमीन पर कॉलोनी काटने वालों को बख्शा नहीं जाएगा। उन्हें चिह्नित कर सख्त कार्रवाई की जाएगी।