सरकारी स्वास्थ्य केंद्रों पर प्रशिक्षण के नाम पर रुपये मांगने का आरोप
जागरण संवाददाता नोएडा एक ओर स्वास्थ्य विभाग समय-समय पर स्वास्थ्यकर्मियों के नहीं होने का रोना रोकर विभिन्न सरकारी योजनाओं व कार्यक्रम के प्रभावित होने की बात करता है। वहीं दूसरी ओर जो छात्र विभाग के साथ जुड़कर काम सीखना चाहते हैं उनसे विभागीय कर्मचारी प्रशिक्षण से पहले रुपये की मांग करते हैें।
जागरण संवाददाता, नोएडा : एक ओर स्वास्थ्य विभाग समय-समय पर स्वास्थ्यकर्मियों के नहीं होने का रोना रोकर विभिन्न सरकारी योजनाओं व कार्यक्रम के प्रभावित होने की बात करता है। वहीं दूसरी ओर जो छात्र विभाग के साथ जुड़कर काम सीखना चाहते हैं, उनसे विभागीय कर्मचारी प्रशिक्षण से पहले रुपये की मांग करते हैें। ग्रेटर नोएडा स्थित मेट्रो कालेज आफ हेल्थ साइंस एंड रिसर्च के छात्रों ने सीएमओ कार्यालय में तैनात स्वास्थ्यकर्मियों पर सरकारी स्वास्थ्य केंद्रों पर प्रशिक्षण कराने के लिए रुपये मांगने का आरोप लगाया है। आरोप है कि रुपये नहीं देने पर छात्रों को प्रशिक्षण की अनुमति नहीं प्रदान की गई है।
ग्रेटर नोएडा निवासी छात्र कपिल कुमार, मुनीष कुमार, मोहित, शिवम आदि का कहना है कि ग्रेटर नोएडा के कालेज से फार्मेसी की पढ़ाई पूरी की है। बृहस्पतिवार को परीक्षा का नतीजा भी आ गया है। परीक्षा के नतीजे से एक सप्ताह पूर्व ही सरकारी स्वास्थ्य केंद्रों में प्रशिक्षण के लिए सीएमओ कार्यालय में अनुमति के लिए दौड़ लगा रहा है, लेकिन विभाग अनुमति नहीं प्रदान कर रहा है। कोरोना काल में बड़ी मुश्किल से स्वजन ने लाखों रुपये देकर फार्मेसी की पढ़ाई पूरी करने के लिए फीस भरी है। अब प्रशिक्षण के लिए भटक रहे हैं। जबकि साथ पढ़ने वाले जिन छात्र-छात्राओं ने प्रशिक्षण के लिए स्वास्थ्य विभाग में कार्यरत कर्मचारियों को पैसे दिए, उन्हें भंगेल सीएचसी आदि स्वास्थ्य केंद्र पर अनुमति दे दी गई। इसके लिए प्रति छात्र 750 रुपये लिए गए हैं। जिन छात्रों ने पैसा नहीं दिया उन्हें स्वास्थ्यकर्मी प्रशिक्षण सीट फुल होने की बात कहकर लौटा रहे हैं।
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सिर्फ छह सीट का दावा :
विभाग से मिली जानकारी के अनुसार जिले के प्रत्येक स्वास्थ्य केंद्र पर छह ही सीट प्रशिक्षण के लिए आरक्षित है। यह सीटें पहले से फुल हो चुकी है।
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स्वास्थ्य केंद्र पर प्रशिक्षण के लिए आरक्षित सीट पहले से फुल हो चुकी है। यह सीट तीन माह बाद खाली होगी। बाकी छात्रों को सीट खाली होने के बाद आने को कहा गया है।
-डा.सुनील कुमार शर्मा, सीएमओ, गौतमबुद्ध नगर