बाक्स पुशिग तकनीक से निर्माण कार्य में पहली बार धंसी सड़क

कुंदन तिवारी नोएडा निर्माण कंपनी की लापरवाही और नोएडा प्राधिकरण अधिकारियों की हीलाहवाली से एडवंट के पास बाक्स पुशिग तकनीक से तैयार हो रहा अंडरपास धंस गया। इससे नोएडा-ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेस-वे की सड़क पर करीब छह फीट गहरा और तीन फीट चौड़ा गड्ढा हो गया। इसने नोएडा की लाइफलाइन कही जाने वाले नोएडा-ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेस-वे की रफ्तार पर ब्रेक लगा दिया।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 08 Oct 2021 11:02 PM (IST) Updated:Fri, 08 Oct 2021 11:02 PM (IST)
बाक्स पुशिग तकनीक से निर्माण कार्य में पहली बार धंसी सड़क
बाक्स पुशिग तकनीक से निर्माण कार्य में पहली बार धंसी सड़क

कुंदन तिवारी, नोएडा : निर्माण कंपनी की लापरवाही और नोएडा प्राधिकरण अधिकारियों की हीलाहवाली से एडवंट के पास बाक्स पुशिग तकनीक से तैयार हो रहा अंडरपास धंस गया। इससे नोएडा-ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेस-वे की सड़क पर करीब छह फीट गहरा और तीन फीट चौड़ा गड्ढा हो गया। इसने नोएडा की लाइफलाइन कही जाने वाले नोएडा-ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेस-वे की रफ्तार पर ब्रेक लगा दिया। इससे करीब तीन घंटे से अधिक समय तक यातायात जाम रहा। हालांकि यातायात पुलिस की सतर्कता ने इस रास्ते किसी हादसे को होने से बचा दिया। आनन-फानन में सेक्टर-93 कट से यातायात को 45 मीटर सड़क पर डायवर्ट कर जाम में फंसे लोगों को राहत दी।

वहीं करीब दो घंटे तक कड़ी मशक्कत के बाद नोएडा प्राधिकरण इंजीनियर की ओर से एक्सप्रेस-वे का गड्ढा भरवाया जा सका। इसके बाद इस रास्ते से यातायात सुचारू हो सका। इस दौरान आठ से 10 किलोमीटर लंबा जाम लगा रहा। वर्क सर्किल वरिष्ठ प्रबंधक प्रवीन सलोनिया ने पूरी घटना से आलाधिकारियों को अनभिज्ञ रखा। जब ट्विटर पर वीडियो वायरल हुआ और लोगों ने मामले पर आलाधिकारियों से जानकारी लेनी शुरू की, तब जाकर पूरा प्रकरण उच्च अधिकारियों के संज्ञान में आया। तकनीकी विशेषज्ञों का कहना है कि बाक्स पुशिग तकनीक विश्व की सबसे नई तकनीक है। इस पर केवल नोएडा प्राधिकरण ही नहीं काम कर रहा है, बल्कि रेलवे से लेकर मेट्रो प्रबंधन तक इस तकनीक का इस्तेमाल कर रहा है। इससे बड़े-बड़े टनल में काम हो रहा है। यहीं नहीं दिल्ली मेट्रो प्रबंधन अंडरग्राउंड में मेट्रो का बहुत बड़ा जाल तक इसी तकनीक के जरिये बिछाया है। इस तकनीक को सबसे सुरक्षित माना जा रहा है। इसमें सड़क के ऊपर यातायात चलता है, नीचे निर्माण कार्य होता रहता है। यातायात डायवर्ट करने की जरूरत नहीं पड़ती है। ठीक से नहीं की गई मानिटरिग: यह हादसा प्राधिकरण अधिकारियों की ठीक तरह से मानिटरिग नहीं करने की वजह से हुआ है। इसमें निर्माण कंपनी की ओर से सड़क के नीचे काम करते समय मिट्टी की कटाई के दौरान प्रेशर को मेंटेन नहीं कर सकी। इस दौरान मिट्टी के साथ सड़क तक कट गई। हो सकता था बड़ा हादसा : गनीमत रही कि पूरी सड़क नहीं धंसी। अन्यथा नोएडा ग्रेनो एक्सप्रेस-वे पर यातायात का इतना भारी दबाव रहता है। इससे पूरी सड़क धंस सकती थी। यह घटना बड़ी दुर्घटना का सबब बन सकती थी। बाक्स..

चार अंडरपास का निर्माण चल रहा

-महामाया से 2.96 किलोमीटर सेक्टर-96 व सेक्टर-126 के बीच

-महामाया से 10.300 किलोमीटर सेक्टर-142 स्थित एडवंट पर

-महामाया से 19.400 किलोमीटर सेक्टर-150 स्थित कोंडली गांव पर

-सेक्टर-51,52,71,72

------------ बाक्स..

इस तकनीक से कई अंडरपास का निर्माण पूरा हुआ

-सेक्टर-18 अंडरपास

-सेक्टर-37 अंडरपास

-सेक्टर-35 अंडरपास

-सेक्टर-19 अंडरपास

-सेक्टर-62 अंडरपास

-सेक्टर-94 अंडरपास

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