किसान-प्राधिकरण अधिकारियों की वार्ता विफल, अनिश्चित कालीन धरना शुरू

जागरण संवाददाता नोएडा किसानों की मांग को लेकर तीनों प्राधिकरण अधिकारियों के साथ

By JagranEdited By: Publish:Mon, 18 Oct 2021 10:59 PM (IST) Updated:Mon, 18 Oct 2021 10:59 PM (IST)
किसान-प्राधिकरण अधिकारियों की वार्ता विफल, अनिश्चित कालीन धरना शुरू
किसान-प्राधिकरण अधिकारियों की वार्ता विफल, अनिश्चित कालीन धरना शुरू

जागरण संवाददाता, नोएडा :

किसानों की मांग को लेकर तीनों प्राधिकरण अधिकारियों के साथ नोएडा प्राधिकरण कार्यालय पर चली भारतीय किसान यूनियन (अराजनीतिक) के साथ ढाई घंटे की वार्ता विफल हो गई। इसके बाद किसानों ने प्राधिकरण कार्यालय के बाहर ही अनिश्चित कालीन धरना लगा दिया है। हालांकि किसानों से प्राधिकरण अधिकारियों ने मांग को पूरा करने के लिए 30 अक्टूबर तक का समय मांगा है, लेकिन किसानों ने अधिकारियों को दो टूक जवाब दिया कि दो दिन में आप मांग को पूरा करा दो हम धरना हटा देंगे। इससे पहले नोएडा के 81 गांवों के किसान मांगो को लेकर भारतीय किसान यूनियन (अराजनीतिक) के नेतृत्व में सोमवार को सुबह दस बजे नोएडा-ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेस-वे के यमुना एक्सप्रेस-वे जीरो प्वाइंट पर एकत्र हुए। यहां से सैकड़ों की संख्या में किसान ट्रैक्टर ट्राली पर सवार होकर नोएडा प्राधिकरण का घेराव करने के लिए निकल पड़े। इस नोएडा ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेस-वे पर जाम लग गया। सुबह 11 बजे चला किसानों का काफिला करीब साढ़े तीन बजे महामाया फ्लाईओवर के नीचे से होता हुआ चिल्ला बार्डर पहुंच गया। यहां पर किसानों ने नोएडा प्राधिकरण कार्यालय की ओर से जाने के लिए रूख किया, जैसे ही काफिला मोड़ से टर्न लेकर उद्योग मार्ग की ओर चला, वैसे ही आक्रोशित किसानों ने अपनी रणनीति में बदलाव कर सेक्टर-14 ए में घुसने का प्रयास किया, जिससे नोएडा प्राधिकरण मुख्य कार्यपालक अधिकारी के आवास का घेराव किया जा सके, लेकिन सतर्क सुरक्षा गार्ड ने तत्काल गेट को बंद कर दिया। यहां पर किसान धरना देकर बैठ गए, तीनों प्राधिकरण के सीईओ को मौके पर बुलाने की मांग को लेकर अड़ गए। करीब 25 मिनट तक किसान यहां पर धरने पर बैठे रहे। ऐसे में अफरा तफरी का माहौल हो गया। चिल्ला बार्डर से लेकर दिल्ली की ओर जाम लग गया, पुलिस को चिल्ला बार्डर बंद कर यातायात डायवर्जन करना पड़ा। इसके बाद किसानों को सेक्टर-14 ए से उठाने में पुलिस को सफलता मिली और वह नोएडा प्राधिकरण कार्यालय की ओर से भेजने में सफल हुए। करीब चार बचे किसानों का काफिला सेक्टर-6 स्थित नोएडा प्राधिकरण पहुंचा और यहां पर प्राधिकरण विरोधी नारेबाजी शुरू कर दी। इसके बाद प्राधिकरण अधिकारियों ने बोर्ड रूम में किसानों के 21 सदस्यी प्रतिनिधिमंडल को बातचीत करने के लिए बुलाया। यहां पर करीब ढ़ाई घंटे तक वार्ता चली, जिसमें नोएडा प्राधिकरण की मुख्य कार्यपालक अधिकारी रितु माहेश्वरी, यमुना विकास प्राधिकरण के सीईओ डा. अरूणवीर सिंह, ग्रेटरनोएडा प्राधिकरण अपर मुख्य कार्यपालक अधिकारी दीप चंद समेत अन्य अधिकारी शामिल रहे, लेकिन किसानों की मांगों पर सहमति नहीं बन सकी। ऐसे में नाराज किसानों ने प्राधिकरण गेट के बाहर ही अनिश्चित कालीन धरना लगा दिया। कहा जब तक मांगों को पूरा नहीं किया जाएगा, तब तक किसान यहां से नहीं हटेंगे। किसानों ने कहा प्राधिकरण लंबे समय से शोषण करता आ रहा

भारतीय किसान यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष पवन खटाना ने कहा कि किसान अब पीछे हटने वाला नहीं है। प्राधिकरण और सरकार को अब किसान की सुननी ही होगी। किसानों का प्राधिकरण काफी लंबे समय से शोषण करता आ रहा है लेकिन इसको अब बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। नोएडा के हजारों किसान और माताएं-बहने पिछले करीब 40 दिनों से नोएडा प्राधिकरण के दफ्तर के बाहर अपनी मांगों को लेकर बैठी हुई हैं। उसके बावजूद भी अफसरों और जनप्रतिनिधि किसानों के इस प्रदर्शन को अनदेखा कर रहे हैं। आज हजारों की संख्या में किसान नोएडा प्राधिकरण के गेट पर इकट्ठे हुए हैं। जब तक किसानों की मांग पूरी नहीं होगी। तब तक किसान पीछे हटने वाले नहीं है। पहले भी हुई थी बातचीत

किसानों और अफसरों के बीच यह कोई पहली वार्ता नहीं है। इससे पहले भी काफी बार किसानों और अधिकारियों के बीच वार्तालाप हो चुकी है लेकिन कोई भी नतीजा सामने नहीं आया। कुछ समय पहले ही नोएडा प्राधिकरण पर प्रदर्शन करने वाले किसान जेल गए थे। उस समय किसानों और अफसरों के बीच बातचीत हुई थी। उसके बावजूद भी काफी बिदुओं पर किसानों की सहमति नहीं बनी, जिसकी वजह से किसानों का प्रदर्शन खत्म नहीं हुआ। आज भी अफसरों और किसानों के बीच बातचीत हो रही है। यह है किसानों की मांग :

-आबादी निस्तारण

-नक्शा नीति लागू न हो।

-किसानों के बच्चों को रोजगार दिया जाए।

-किसानों के बच्चों को निजी स्कूलों में शिक्षा।

-बेहतर चिकित्सीय सुविधा दी जाए।

-सभी किसानों को 64.7 फीसद की दर से मुआवजा दिया जाए।

-सभी किसानों को 10 फीसद विकसित जमीन दी जाए।

-इसके अलावा कई अन्य मांग भी किसानों से संबंधित रही। यह रहा 21 सदस्यी प्रतिनिधि मंडल

-पवन खटाना

-अनित कसाना

-राजे प्रधान

-ज्ञानी चेयरमैन

-सुंदर बाबा

-सुंदर नेताजी

-कर्मवीर भाटी

-विपिन तंवर

-संदीप अवाना

-अमित डेढ़ा

-देवीराम प्रधान

-जोगिदर कसाना

-विनोद पंडित

-दिनेश लोहिया

-रोबिन नागर

-धर्म पाल स्वामी

-नरेश पंडित

-सुनील प्रधान

-त्रेराम तोंगड़

-प्रमोद टाइगर

-सुभाष चौधरी

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