महाराणा प्रताप के त्याग-बलिदान को किसानों ने किया याद

जागरण संवाददाता नोएडा सेक्टर-14-ए चिल्ला बार्डर पर भारतीय किसान यूनियन (भानु) के नेतृत्व

By JagranEdited By: Publish:Tue, 19 Jan 2021 08:35 PM (IST) Updated:Tue, 19 Jan 2021 08:35 PM (IST)
महाराणा प्रताप के त्याग-बलिदान को किसानों ने किया याद
महाराणा प्रताप के त्याग-बलिदान को किसानों ने किया याद

जागरण संवाददाता, नोएडा :

सेक्टर-14-ए चिल्ला बार्डर पर भारतीय किसान यूनियन (भानु) के नेतृत्व में किसानों के धरना स्थल पर महाराणा प्रताप की पुण्यतिथि मनाई गई। देश के लिए उनके त्याग-बलिदान को याद किया गया। किसानों को उनकी संघर्ष गाथा से प्रेरणा लेने को कहा गया। इसके बाद गरीब बच्चों को भोजन कराया गया।

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तराई क्षेत्र के 28 लाख सिख किसान संगठन से जुड़े

भानु गुट के राष्ट्रीय अध्यक्ष भानु प्रताप सिंह ने मंगलवार को धरना स्थल पर संगठन का विस्तार किया। इस दौरान भारतीय किसान यूनियन (भानु) उत्तराखंड महासचिव सुखवंत सिंह भुल्लर को प्रदेश अध्यक्ष की कमान और रंजीत सिंह राणा को प्रदेश प्रवक्ता बनाया गया है। बरेली मंडल का प्रमुख महासचिव कुलदीप सिंह पन्नू बने। धन्ना सिंह को रामपुर और पीलीभीत जिलाध्यक्ष सरदार जरनैल सिंह को बनाया गया। इस दौरान भानु प्रताप सिंह ने कहा कि तराई क्षेत्र में उत्तराखंड से लखीमपुर खीरी तक 28 लाख सिख किसान खेती कर रहे हैं। संगठन के साथ इन्हें आज आंदोलन में जोड़ा गया है। इस मौके पर राष्ट्रीय महासचिव चौधरी बेगराज गुर्जर, किसान नेता बीसी प्रधान, अशोक चौहान समेत अन्य किसान मौजूद रहे। आंदोलन की रणनीति पर कोर कमेटी की बैठक

आंदोलन की रणनीति को लेकर धरना स्थल पर किसानों की बैठक की। इसमें भानु गुट प्रांतीय, राष्ट्रीय पदाधिकारियों के साथ-साथ कोर कमेटी के सदस्य भी शामिल हुए। राष्ट्रीय अध्यक्ष भानु प्रताप सिंह ने कहा कि किसानों को बड़े संघर्ष के लिए तैयार रहना चाहिए, क्योंकि सरकार के रवैये से लग रहा है कि वह अभी किसानों की मांग पर विचार तक करने को तैयार नहीं है। किसानों को कमर कस लेनी चाहिए। कांग्रेस पर साधा निशाना

भानु गुट राष्ट्रीय अध्यक्ष भानु प्रताप सिंह ने कहा कि कांग्रेस आज किसानों के हितों की बात कर रही है। राहुल गांधी तरह-तरह के बयानबाजी कर रहे हैं, लेकिन छह वर्ष पहले उन्हीं की सरकार थी, तब किसानों के लिए कुछ कर देते। तब कांग्रेस सत्ता के नशे में चूर थी। मौजूदा सरकार भी उसी तरह काम कर रही है। जिसे किसान सड़क पर बैठा हुआ नजर नहीं आ रहा है।

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