मोदी सरकार के लिए किसान भगवान, आंदोलन के पीछे मंडी माफिया : राधामोहन सिंह

दादरी में बृहस्पतिवार को आयोजित किसान सम्मेलन में पूर्व केंद्रीय कृषि मंत्री एवं भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष राधामोहन सिंह ने कृषि कानून की मुखालफत करने वालों पर जमकर हमला बोला।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 17 Dec 2020 08:36 PM (IST) Updated:Thu, 17 Dec 2020 08:36 PM (IST)
मोदी सरकार के लिए किसान भगवान, आंदोलन के पीछे मंडी माफिया : राधामोहन सिंह
मोदी सरकार के लिए किसान भगवान, आंदोलन के पीछे मंडी माफिया : राधामोहन सिंह

जागरण संवाददाता, ग्रेटर नोएडा: कृषि कानून के विरोध के पीछे मंडी माफिया का दर्द है। न्यूनतम समर्थन मूल्य के नाम पर माफिया किसानों को बरगला रहा है। केंद्र सरकार ने सदन में ही इस पर स्थिति स्पष्ट कर दी थी। पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कृषि सुधार की हिमायत की थी, लेकिन इसे लागू करने का साहस नहीं दिखा सके। मोदी सरकार ने स्वामीनाथन रिपोर्ट को लागू किया, तो कांग्रेस विरोध में उतर आई है। कांग्रेस व पंजाब कांग्रेस ने खुद इसे अपने घोषणा पत्र में शामिल किया था। शरद पवार ने भी मांग की थी। दादरी में बृहस्पतिवार को आयोजित किसान सम्मेलन में पूर्व केंद्रीय कृषि मंत्री एवं भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष राधामोहन सिंह ने कृषि कानून की मुखालफत करने वालों पर जमकर हमला बोला।

दादरी के मिहिरभोज बालिका इंटर कॉलेज में आयोजित सम्मेलन में राधामोहन सिंह ने कहा कि स्वामीनाथन आयोग ने कृषि सुधार के लिए 2006 में अपनी रिपोर्ट दी थी, लेकिन 2014 तक इसे ठंडे बस्ते में डालकर रखा गया। रिपोर्ट पर चर्चा खूब हुई, पर रिफार्म नहीं हुआ। आज रिफार्म हो रहे हैं, तो विरोध हो रहा है। एक समाचार पत्र में स्वामीनाथन ने खुद इसका उल्लेख किया था कि 2014 से पहले रिपोर्ट पर बेहद कम काम हुआ।

पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि किसानों को यूरिया के लिए केंद्र सरकार खजाने से रकम जारी करती थी, लेकिन अधिकतर यूरिया किसानों की बजाय कैमिकल फैक्ट्री में पहुंच जाता था। किसानों को लाठियां मिलती थी। मोदी सरकार ने नीम कोटिग कर किसानों के लिए यूरिया की किल्लत समाप्त की। कांग्रेस पर हमला करते हुए उन्होंने कहा कि जिन लोगों को गेहूं, जौ का अंतर नहीं पता, नीम कोटेड यूरिया के बारे में कहां से पता होगा।

स्थानीय किसान पप्पू, रामवीर का नाम लेते हुए उन्होंने कहा कि सरकार को छोटे किसानों की चिता है। जिनके पास आधा से लेकर दो-ढाई एकड़ जमीन है। करीब 12 करोड़ ऐसे किसान है। इनके लिए सरकार ने छह हजार रुपये सालाना देने की योजना शुरू की। केंद्र के खजाने से 75 हजार करोड़ रुपये जारी किए। यूपीए सरकार में कृषि मंत्रालय का बजट महज 12 हजार करोड़ था, जो मोदी सरकार के कार्यकाल में एक लाख 34 हजार करोड़ हो चुका है। मोदी सरकार ने समर्थन मूल्य में डेढ़ गुणा बढ़ोतरी की। खरीद को बढ़ाया। मंडी को आधुनिक बनाया जा रहा है।

उन्होंने कहा कि भाजपा के लिए किसान भगवान है। आज गांवों में बिजली पहुंची है। उत्पादन बढ़ा है। किसानों को जागरुक करने के लिए विज्ञान केंद्र खोले जा रहे हैं। नए कृषि अनुसंधान केंद्र खोले गए हैं। इस मौके पर सांसद डॉ.महेश शर्मा, राज्यसभा सदस्य सुरेंद्र नागर, बुलंदशहर के सांसद भोला सिंह, विधायक तेजपाल नागर, संजय शर्मा, अनीता लोधी, विमला सोलंकी, बिजेंद्र सिंह, एमएलसी श्रीचंद शर्मा समेत पार्टी पदाधिकारी एवं गौतमबुद्धनगर व बुलंदशहर के किसान मौजूद थे।

chat bot
आपका साथी