विद्युत निगम के बीट सिस्टम को लगा लापरवाही का 'करंट'

अजय चौहान नोएडा उपभोक्ताओं को समय पर त्रुटि रहित बिल पहुंचाने और शिकायतों के त्वि

By JagranEdited By: Publish:Wed, 10 Nov 2021 09:55 PM (IST) Updated:Wed, 10 Nov 2021 09:55 PM (IST)
विद्युत निगम के बीट सिस्टम को लगा लापरवाही का 'करंट'
विद्युत निगम के बीट सिस्टम को लगा लापरवाही का 'करंट'

अजय चौहान, नोएडा :

उपभोक्ताओं को समय पर त्रुटि रहित बिल पहुंचाने और शिकायतों के त्वरित निस्तारण के लिए शुरू विद्युत निगम की बीट व्यवस्था को लापरवाही का करंट लग गया है। दो महीने बाद भी व्यवस्था पटरी पर नहीं आ पाई है। उपभोक्ताओं को अभी भी बिल समय पर नहीं मिल रहे हैं। इससे बिल में गड़बड़ी की शिकायतें बनी हुई हैं। सेक्टर-92 में उपभोक्ताओं को सितंबर माह के बिल के लिए शिकायत करनी पड़ी। उसके बाद बिल मिला। सेक्टर-71 क्षेत्र में भी हर माह अलग-अलग तारीख को बिल मिल रहा है। आरडब्ल्यूए अध्यक्ष सुभाष चौहान ने बताया कि हर माह बिलिग तो हो रही है लेकिन निश्चित तारीख पर नहीं हो रही है। सेक्टर-49 में अक्टूबर माह में सात तारीख को बिल मिला था। जबकि नवंबर का बिल अभी तक नहीं मिला है। यही हाल दूसरे सेक्टर का भी है।

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ट्रांसफार्मर स्तर पर किया गया था बीट का निर्धारण

व्यवस्था के संचालन के लिए विद्युत निगम ने उपभोक्ताओं का विभाजन उपकेंद्र के स्थान पर ट्रांसफार्मर स्तर पर की थी। इसके तहत एक ट्रांसफार्मर से जुड़े उपभोक्ताओं को हर माह एक ही तिथि को बिल दिए जाने थे। जिससे उपभोक्ताओं के 30 दिन के चक्र पर बिल मिलता रहे। लोड खपत का सही निर्धारण हो सके, लेकिन व्यवस्था अभी तक नहीं बन पाई है। एक रीडर पर दो हजार उपभोक्ता तय किए गए हैं।

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अक्टूबर में एक हजार बिलों में गड़बड़ी

हर माह बड़ी संख्या में बिजली बिल में गड़बड़ी होने से उपभोक्ताओं को बिजली दफ्तरों के चक्कर काटने पड़ते हैं। निगम ने अक्टूबर माह में एक हजार बिल गलत बने थे। जिनमें खपत से ज्यादा का बिल बन गया था। ज्यादातर उपभोक्ताओं को बिल दुरूस्त कराने के लिए महीनों तक चक्कर काटने पड़ते हैं।

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एक यूनिट बदलते ही बदल जाता है स्लैब

उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन ने बिजली बिल के लिए अलग-अलग स्लैब तय किए हैं। उसके अनुसार ही बिजली खपत की दर तय होती हैं। वर्तमान में घरेलू उपभोक्ताओं के लिए चार स्लैब हैं। प्रत्येक स्लैब में 50 पैसे का अंतर है। ऐसे में एक यूनिट बदलने से उपभोक्ता के बिल की दर 50 पैसा बढ़ जाती है। ऐसे में बिल रीडर की एक दिन की देरी या अनुमानित रीडिग भरने से उपभोक्ता का बिल बढ़ जाता है। ऐसे में उपभोक्ता को बिल में संशोधन के लिए परेशान होना पड़ता है।

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अभी यह है स्लैब

शून्य से 150 यूनिट - 5.50 रुपये

151 से 300 यूनिट - 6.00 रुपये

301 से 500 यूनिट - 6.50 रुपये

500 यूनिट से ऊपर -7.00 रुपये

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यह है बीट सिस्टम

अगर किसी उपभोक्ता की रीडिग 15 अक्टूबर को ली गई तो आगे भी हर माह इसी तारीख को ली जाएगी। उदाहरण के लिए 15 तारीख को उपभोक्ता की रीडिग 300 यूनिट है तो उसका निर्धारण छह रुपये यूनिट से होगा। 16 को रीडिग 300 से अधिक होने पर इसका निर्धारण 6.50 रुपये से होगा। ऐसे में उपभोक्ता का बिल 150 रुपये बढ़ जाता है।

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विद्युत निगम में बीट सिस्टम के तहत रीडिग ली जा रही है। किसी माह त्योहार पर एक दिन की देरी हो सकती है। इसके अलावा अगर रीडर समय पर रीडिग लेकर बिल नहीं बना रहा है तो संबंधित अधिकारियों से शिकायतें करें। उन पर कार्रवाई की जाएगी।

-वीएन सिंह, मुख्य अभियंता, नोएडा जोन

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