बाहर डॉट्स सेंटर का बोर्ड, अंदर चल रहा निजी क्लीनिक

आशीष धामा नोएडा मेडिकल हब के नाम से मशहूर प्रदेश की शो विडो फर्जी नर्सिंग होम व क्लीनिकों का अड्डा बन गई है। यहां धड़ल्ले से सैकड़ों गैर पंजीकृत अस्पताल चल रहे हैं। कोरोना इलाज के नाम पर भी लोगों से पैसे ऐंठने का खेल जारी है।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 26 Jul 2021 07:56 PM (IST) Updated:Mon, 26 Jul 2021 07:56 PM (IST)
बाहर डॉट्स सेंटर का बोर्ड, अंदर चल रहा निजी क्लीनिक
बाहर डॉट्स सेंटर का बोर्ड, अंदर चल रहा निजी क्लीनिक

आशीष धामा, नोएडा : मेडिकल हब के नाम से मशहूर प्रदेश की शो विडो फर्जी नर्सिंग होम व क्लीनिकों का अड्डा बन गई है। यहां धड़ल्ले से सैकड़ों गैर पंजीकृत अस्पताल चल रहे हैं। कोरोना इलाज के नाम पर भी लोगों से पैसे ऐंठने का खेल जारी है। उधर, विभागीय अधिकारियों की सुस्ती दिनोंदिन आमजन पर भारी पड़ रही है। विभागीय अधिकारियों की कार्रवाई सिर्फ नोटिस जारी करने तक ही सीमित है, जो चढ़ावे के बोझ तले दब गई है। सोमवार को दैनिक जागरण की टीम ने सेक्टर-45 स्थित सदरपुर गांव में पड़ताल की, जहां फर्जी क्लीनिकों के साथ ही डॉट्स सेंटर के नाम पर बड़ा खेल चलता मिला।

करीब एक बजे दैनिक जागरण की टीम जब सदरपुर कालोनी की मार्केट में पहुंची तो एक दुकान पर स्वास्थ्य विभाग के पुनरीक्षित राष्ट्रीय क्षयरोग नियंत्रण कार्यक्रम के बोर्ड पर नजर पड़ी। दुकान में शीशे से जड़ा लकड़ी का गेट लगा था। इस पर टीबी डॉट्स सेंटर और उसकी बगल में फ्रेम पर ही मां क्लीनिक लिखा है। टीम अंदर गई तो उन्हें दो व्यक्ति बैठे मिले, जबकि क्लीनिक संचालक वहां नहीं था। उसका नाम अनिल बताया गया। वह बतौर फिजीशियन क्लीनिक में पिछले 25 वर्षों से लोगों का इलाज कर रहे हैं। इसके साथ ही टीबी रोगी को दवा भी देते हैं। उनके अनुसार टीबी की दवा स्वास्थ्य विभाग से मिलती है। उधर, जिला क्षय रोग अधिकारी के अनुसार सदरपुर में उनका कोई पंजीकृत डॉट्स सेंटर नहीं है। खास बात यह भी है कि जैसे ही टीम क्लीनिक से बाहर आई, वह दोनों दुकान के शटर का ताला जड़कर फरार हो गए।

दो वर्षों में मात्र 18 झोलाछाप पर हुई कार्रवाई

कोरोनाकाल में विभागीय अधिकारियों ने 2020 में 61 क्लीनिक पर छापेमारी की। इनमें से सिर्फ 19 क्लीनिक बंद कराने का दावा किया गया है, जबकि 2021 में मात्र एक ही झोलाछाप पर कार्रवाई हुई है। झोलाछाप के खिलाफ कार्रवाई के कुछ ऐसे कागजात सामने आए हैं, जिसमें अधिकारियों को क्लीनिक पर छापेमारी के दौरान कोई कागजात नहीं मिले, लेकिन वह क्लीनिक आज भी संचालित है। कोट:

सदरपुर में खुले टीबी डॉट्स सेंटर की जांच की जाएगी। टीबी डॉट्स सेंटर में क्लीनिक चलाना अवैध है।

-डॉ. शिरीष जैन, जिला क्षय रोग अधिकारी

---

शासन से आदेश मिले हैं कि किसी को कार्रवाई संबंधी जानकारी न दी जाए। आप चाहे तो जानकारी पाने के लिए आरटीआई डाल सकते हैं।

-डॉ.सुनील कुमार शर्मा, मुख्य चिकित्साधिकारी

chat bot
आपका साथी