बैशाखी से आए दिव्यांग कृत्रिम पैरों के सहारे गए घर

सेक्टर-31 स्थित इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (नोएडा) भवन में दिव्यांग

By JagranEdited By: Publish:Sat, 04 Dec 2021 09:56 PM (IST) Updated:Sat, 04 Dec 2021 09:56 PM (IST)
बैशाखी से आए दिव्यांग कृत्रिम पैरों के सहारे गए घर
बैशाखी से आए दिव्यांग कृत्रिम पैरों के सहारे गए घर

जागरण संवाददाता, नोएडा :

सेक्टर-31 स्थित इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (नोएडा) भवन में दिव्यांग के लिए आयोजित निश्शुल्क कृत्रिम पैर एवं पोलियो कैलिपर शिविर में बैशाखी के सहारे आए लोग कृत्रिम पैरों के सहारे चलकर अपने घरों को वापस गए। इस दौरान उनके चेहरे पर खुशी के आंसू दिखाई दिए।

शिविर में उत्तर प्रदेश, दिल्ली, हरियाणा, उत्तराखंड, राजस्थान के अलग-अलग जिलों से लोग पहुंचे थे। लेकिन फरीदाबाद से आई 78 वर्षीय लक्ष्मी बाई को जब कृत्रिम पैर लगाए गया तो उनकी आंखों में खुशी के आंसू छलक आए। उनका कहना था कि कृत्रिम पैदल लगने के बाद बिना बैशाखी के चलना सपने से कम नहीं है। वहीं दादरी से आई सात वर्षीय आरजू को कृत्रिम पैर लगने के बाद चलने के स्वजन का का सहारा नहीं लेना पड़ेगा। आरजू ने बताया कि अब अपने पैरों पर चलकर स्कूल जाएगी। वहीं रोटरी क्लब आफ (नोएडा) के अध्यक्ष संजय सिघानिया ने बताया कि शिविर में 200 से अधिक दिव्यांगों को कृत्रिम पैर, हाथ, पोलियो कैलिपर, व्हील चेयर, ट्राई साइकिल वितरित की गई। वहीं पूर्व अध्यक्ष सुधीर वालिया, सुभाष चोपड़ा व प्रोजेक्ट संचालक राम ग्रोवर, नीरज खेमका ने कहा कि इससे दिव्यांगों का हौसला बढ़ा है। कृत्रिम पैर और हाथ वितरित करने का यह दूसरा शिविर हैं। कृत्रिम हाथ व पैर उन दिव्यांगों के जीवन को एक नई दिशा देंगे, जो अपने पांव पर ठीक से चल नहीं पाते। उनके लिए ये कृत्रिम पैर एवं कैलिपर जीवन का सहारा है, जिसके इस्तेमाल से वह न सिर्फ चल पाएंगे बल्कि अपने रोजमर्रा के काम के लिए आत्मनिर्भर भी हो पाएंगे।

स्पार्क मिडा की सीनियर एक्जीक्यूटिव सना दमनिया ने बताया कि संस्था ने अलग-अलग सामाजिक संस्थाओं के माध्यम से दिव्यांगों तक पहुंचने के लिए इंटरनेट मीडिया और जागरूकता कैंप आयोजित किए थे। पंजीकरण के बाद दो दिवसीय शिविर में दिव्यांगों को मौके पर साइज के हिसाब से कृत्रिम हाथ, पैर तैयार कराकर उपलब्ध कराया। शिविर में 50 से अधिक दिव्यांगों ने नौकरी के लिए आवेदन किया है। साक्षात्कार के बाद इन्हें नौकरी प्रदान की जाएगी।

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