पुस्तकों से दोस्ती बढ़ाने को बनाया डिजिटल पुस्तकालय
आवश्यकता आविष्कार की जननी होती है। सेक्टर-34 निवासी अरुंधति चटर्जी ने इस
अजय चौहान, नोएडा :
आवश्यकता आविष्कार की जननी होती है। सेक्टर-34 निवासी अरुंधति चटर्जी ने इस बात को चरितार्थ किया है। कोरोनाकाल में बेटी के सामने पढ़ने के लिए संसाधनों की दिक्कत आई तो उन्होंने आनलाइन पुस्तकालय बना दिया। रिसोर्स हेड नाम की इस वेबसाइट पर अलग-अलग क्षेत्रों से जुड़ी पुस्तकें और पत्र-पत्रिकाएं उपलब्ध हैं। उनका दावा है कि 20 लाख से ज्यादा किताबें यहां उपलब्ध हैं।
अरुंधति ने बताया कि वह 22 वर्षो से पुस्तकालय प्रबंधन के क्षेत्र में काम कर रही हैं। आइआइटी दिल्ली समेत कई नामी स्कूलों के साथ जुड़ी रही हैं। आनलाइन रिसोर्स मैनेजमेंट भी इसका हिस्सा रहा है। इसके चलते उनको जानकारी थी कि किस वेबसाइट पर किस तरह की पठन सामग्री उपलब्ध है। उन्होंने इन सब को एक जगह लाने के लिए अपनी एक अलग वेबसाइट तैयार की। इसमें एनसीईआरटी समेत सभी बोर्ड की किताबों के साथ सभी एकेडमिक पत्रिकाएं यहां उपलब्ध हैं। इसके अलावा धार्मिक और सामान्य किताबें भी उपलब्ध हैं। उन्होंने जून 2020 में इस पर काम करना शुरू किया। तीन सितंबर से यह उपलब्ध है। यह निश्शुल्क है। वर्तमान में इसमें 19 पेज हैं। रोजाना नए अपडेट पेज जोड़े जा रहे हैं। --------------
खुद सीखा वेबसाइट बनाना
उन्होंने बताया कि इसके लिए पहली बार वेबसाइट बनाना सीखा। इसमें उनकी 16 वर्षीय बेटी ने उनकी मदद की। इससे पहले उनका इससे कोई नाता नहीं था। उन्होंने राजनीतिशास्त्र और पुस्तकालय विज्ञान में परास्नातक की पढ़ाई की है। इसी क्षेत्र में काम किया है। --------------- एप के रूप में लाने की तैयारी
उन्होंने बताया कि वह आगे चलकर लोगों के बेहतर इस्तेमाल के लिए एप के रूप में लाने की तैयारी है। साथ ही इस प्लेटफार्म पर नई और महंगी किताबें निश्शुल्क उपलब्ध कराने के लिए काम कर रही हैं। खासकर प्रतियोगी परीक्षाओं के विद्यार्थियों के लिए इस तरह की किताबें उपलब्ध कराएंगी। लोगों की मांग पर भी यहां किताबें उपलब्ध कराई जाएंगी। इसके लिए सुझाव का विकल्प दिया गया है।