प्राधिकरण के खिलाफ आदेश के बाद ओएसडी से हटा विभाग

यमुना प्राधिकरण के ओएसडी से विधि विभाग का कार्य हटा दिया गया है। इस कदम को हाइकोर्ट के हाल के फैसले से जोड़ कर देखा जा रहा है। जिसमें हाइकोर्ट ने 64.7 फीसद अतिरिक्त मुआवजे के प्रदेश सरकार के फैसले को अवैध करार दिया है। इससे प्राधिकरण के सामने बड़ा संकट खड़ा हो गया है।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 04 Jun 2020 07:50 PM (IST) Updated:Fri, 05 Jun 2020 06:13 AM (IST)
प्राधिकरण के खिलाफ आदेश के बाद ओएसडी से हटा विभाग
प्राधिकरण के खिलाफ आदेश के बाद ओएसडी से हटा विभाग

-इलाहाबाद हाई कोर्ट ने अतिरिक्त मुआवजे को लेकर दिया है आदेश

- अतिरिक्त मुआवजे के शासनादेश को हाई कोर्ट ने दिया है अवैध करार जागरण संवाददाता, ग्रेटर नोएडा : यमुना प्राधिकरण के ओएसडी से विधि विभाग का कार्य हटा दिया गया है। इस कदम को हाई कोर्ट के हाल के फैसले से जोड़कर देखा जा रहा है, जिसमें अदालत ने 64.7 फीसद अतिरिक्त मुआवजे के प्रदेश सरकार के फैसले को अवैध करार दिया है। इससे प्राधिकरण के सामने बड़ा संकट खड़ा हो गया है। माना जा रहा है कि मुकदमे में मजबूती से पैरवी न करने के कारण ओएसडी से विधि विभाग का काम हटाया गया है।

हाई कोर्ट ने प्रदेश सरकार के 2014 के उस आदेश को अवैध करार दिया है, जिसमें नोएडा, ग्रेटर नोएडा की तर्ज पर यमुना प्राधिकरण क्षेत्र के अधिसूचित गांवों के किसानों को 64.7 फीसद मुआवजा संबंधित शासनादेश को अवैध करार दिया गया था। प्राधिकरण 70 फीसद किसानों को दो हजार करोड़ से अधिक का अतिरिक्त मुआवजा बांट चुका है। हाई कोर्ट के आदेश से प्राधिकरण के सामने संकट खड़ा हो गया है। प्राधिकरण को योजनाओं के लिए अब किसानों से जमीन मिलना आसान नहीं होगा। वहीं वितरित हो चुके मुआवजे की किसानों से वसूली, आवंटियों से वसूली गई रकम की वापसी भी प्राधिकरण के लिए आसान नहीं है। प्राधिकरण का विधि विभाग हाई कोर्ट में मुकदमे की मजबूती से पैरवी करने में नाकाम रहा।

इसे देखते हुए सीईओ डॉ. अरुणवीर सिंह ने ओएसडी नवनीत गोयल से विधि विभाग का कार्य हटा दिया है। इसके अलावा फाइल लंबित होने के कारण कामर्शियल का काम भी उनसे हटा दिया गया है।

इसके अलावा फाइल निस्तारण में लापरवाही बरतने पर प्रबंधक नागेंद्र से संस्थागत का कार्यभार हटा दिया गया है। मुआवजे की फाइल लंबित रखने पर प्लेसमेंट पर तैनात एक क्लर्क को सेवा से हटा दिया गया है। धनौरी गांव के एक व्यक्ति के मुआवजे के मामले में प्रभारी एसीईओ को जांच सौंपी गई है। वर्जन

कुछ विभागों में फेरबदल किया गया है। फाइल लंबित रखने पर एक बाबू की सेवाएं समाप्त की गई है। कार्य में लापरवाही बरतने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की चेतावनी दी गई है।

-डॉ. अरुणवीर सिंह, सीईओ यमुना प्राधिकरण

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