डाटा सेंटर संचालन को भवन नियमावली में संशोधन

-पूर्व में आवंटित आइटी व आइटीइएस भूखंडों में भी डाटा सेंटर की होगी अनुमति -कुल भूखंड क

By JagranEdited By: Publish:Wed, 28 Jul 2021 06:31 PM (IST) Updated:Wed, 28 Jul 2021 06:31 PM (IST)
डाटा सेंटर संचालन को भवन नियमावली में संशोधन
डाटा सेंटर संचालन को भवन नियमावली में संशोधन

-पूर्व में आवंटित आइटी व आइटीइएस भूखंडों में भी डाटा सेंटर की होगी अनुमति

-कुल भूखंड का 60 फीसद कवर्ड एरिया व 3.0 दिया जाएगा एफएआर

जागरण संवाददाता, नोएडा :

देश में डाटा संग्रहण की मांग लगातार बढ़ रही है। इसके बाजार को और विस्तार देने का प्रयास किया जा रहा है। वर्तमान में देश की 375 मेगावाट डाटा सेंटर की क्षमता में तेजी से बढ़ोतरी हो रही है। इसके लिए नोएडा प्राधिकरण ने भवन विनियमावली 2010 व मास्टर प्लान- 2031 में संशोधन किया है। वर्तमान में प्रचलित भवन विनियमावली में डाटा सेंटर की गतिविधि अनुमन्य नहीं थी।

भवन नियमावली में संशोधन करने के साथ ही पूर्व में आवंटित आइटी व आइटीइएस भूखंडों में भी डाटा सेंटर की अनुमति प्रदान की जाएगी। आवंटन के समय मान्य भवन विनियमावली के अनुसार ही कवर्ड एरिया व फ्लोर एरिया रेशियो (एफएआर) भी अनुमन्य होंगे। ऐसे संस्थागत भवन विनियमावली के क्रमांक संख्या 16 में डाटा सेंटर को जोड़ते हुए कवर्ड एरिया 60 प्रतिशत रखा गया है। इसका अधिकतम एफएआर 3.0 होगा, जबकि आवंटी भवन की ऊंचाई बढ़ाने के लिए 1.0 एफएआर खरीद भी सकेगा। अधिकतम ऊंचाई की कोई सीमा तय नहीं की गई है। संशोधन के साथ ही औद्योगिक क्षेत्र में आइटी/आइटीइएस और डाटा सेंटर के लिए आवंटित भूखंडों पर भी कवर्ड एरिया, एफएआर व ऊंचाई, पार्किग का प्रविधान भी संस्थागत श्रेणी की तरह ही लागू होगा। इसी तरह मास्टर प्लान- 2031 के जोनिग रेगुलेशन में डाटा सेंटर नीति को समायोजित किया गया है।

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सूचना प्रौद्योगिकी क्लस्टर के रूप में हुआ चयन

प्रदेश सरकार ने नोएडा को सूचना प्रौद्योगिकी क्लस्टर के रूप में चुना है। निवेश के नजरिये से यह सुनियोजित, एकीकृत व आधुनिक औद्योगिक नगर के रूप में उभरा है, जिसने निवेशकों को आकर्षित किया है। वर्तमान में देश की 375 मेगावाट डाटा सेंटर की क्षमता में तेजी से बढ़ोतरी हो रही है, जिसे क्षमता 2025 तक 750 मेगावाट से अधिक होगी। इसके लिए अरबों रुपये के निवेश की आवश्यकता होगी। ऐसे में डाटा सेंटर नीति को लागू करने व विनियमावली व मास्टर प्लान में संशोधन कर इसे अनुमोदित किया गया है।

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