हवा में जहर घोलने वाले वाहनों पर शिकंजा कसेगी यातायात पुलिस

मोहम्मद बिलाल नोएडा दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण की रोकथाम के लिए ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन

By JagranEdited By: Publish:Sat, 16 Oct 2021 07:14 PM (IST) Updated:Sat, 16 Oct 2021 07:14 PM (IST)
हवा में जहर घोलने वाले वाहनों पर शिकंजा कसेगी यातायात पुलिस
हवा में जहर घोलने वाले वाहनों पर शिकंजा कसेगी यातायात पुलिस

मोहम्मद बिलाल, नोएडा :

दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण की रोकथाम के लिए ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (ग्रेप) लागू कर दिया गया है। वायु प्रदूषण के कारकों में वाहनों से निकलने वाला धुआं भी शामिल है। इसे ध्यान में रखकर यातायात पुलिस सख्त हो गई है। यातायात पुलिस की ओर से सोमवार से हवा में जहर घोलने वाले वाहनों के खिलाफ कार्रवाई के लिए अभियान चलाया जाएगा।

डीसीपी ट्रैफिक गणेश प्रसाद साहा ने बताया कि औद्योगिक नगरी में वायु प्रदूषण फैला रहे वाहनों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। इसके लिए टीम गठित कर दी गई है। नोएडा के सेक्टर-1, 62, 116, 125 व ग्रेटर नोएडा के जिन इलाकों में प्रदूषण ज्यादा रहता है, वहां अभियान चलाया जाएगा। जिले के तीनों जोन में प्रदूषण के लिहाज से हाट स्पाट चिह्नित किए गए इलाकों में अभियान को विशेष तौर पर चलाया जाएगा। जिन वाहनों में रेत सहित निर्माण सामग्री लादकर ले जाया जा रहा है और उन्हें ढंका नहीं गया है उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। जिन वाहनों के पास प्रदूषण नियंत्रण प्रमाणपत्र (पीयूसी) नहीं है उनके खिलाफ सख्ती बरती जाएगी। प्रदूषण फैला रहे वाहनों के ई-चालान के साथ इन्हें जब्त करने की कार्रवाई होगी। डग्गामार फैला रहे प्रदूषण : जिले में डग्गामार वाहनों के रूप में जिन वाहनों का संचालन होता है, इनमें बस, टेंपो, माल वाहन और सवारी ढोने के लिए छोटे वाहन शामिल हैं।

इनके संचालन से वायु प्रदूषण फैलता है। ठंड में इन वाहनों से निकलने वाला धुआं जानलेवा साबित होता है। 10 वर्ष पुराने डीजल और 15 वर्ष पुराने पेट्रोल वाहन प्रदूषण फैला रहे हैं। मोटर वाहन (संशोधन) कानून के तहत प्रदूषण संबंधी नियमों का उल्लंघन करने पर पहली बार में पकड़े जाने पर पांच हजार रुपये वहीं दूसरी बार में 10 हजार रुपये का चालान किया जाता है।

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कार्रवाई के साथ चलेगा जागरूकता अभियान: यातायात पुलिस की ओर से एनजीओ के साथ मिलकर प्रदूषण से बचाव के लिए उठाए जाने वाले कदमों को लेकर जागरूकता अभियान चलाया जाएगा। प्रदूषण नियंत्रण प्रमाणपत्र लेने सहित वाहनों से होने वाले प्रदूषण के बारे में जागरूक किया जाएगा। हर तीन माह के बाद पीयूसी जांच अनिवार्य है। इसका रखें ध्यान

-प्रदूषण प्रमाणपत्र भले हो, इंजन की खराबी पर धुआं निकलने पर होगी कार्रवाई।

-बीएस-2 के निजी और बीएस-2 या बीएस-3 के कामर्शियल वाहनों की प्रदूषण जांच जरूरी।

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