युवाओं की मांग, खेल का मैदान, पुस्तकालय और वाइफाइ
संवाद सहयोगी दादरी पंचायत चुनाव को लेकर प्रदेश भर में हलचल है। बुजुर्ग से लेकर युवा सभी चुनावों को अपने नजरिये से देख और तौल रहे हैं।
संवाद सहयोगी, दादरी: पंचायत चुनाव को लेकर प्रदेश भर में हलचल है। बुजुर्ग से लेकर युवा, सभी चुनावों को अपने नजरिये से देख और तौल रहे हैं। गुलावठी खुर्द गांव के युवा भी इनसे अलग नहीं हैं। युवा सोच के साथ उनकी नए प्रतिनिधियों से अपेक्षाएं भी अलग हैं। उन्हें गांव में खेल के मैदान, पुस्कालय व वाइफाइ जैसी सुविधाएं चाहिए। गांव के समीकरण
गुलावठी खर्द गांव दादरी ब्लॉक का हिस्सा है। गांव की आबादी करीब 2500 है। इसमें 1200 मतदाता हैं। गांव की साक्षरता दर उच्च है। यहां अस्सी फीसद लोग साक्षर हैं। यहां आय के प्रमुख स्त्रोत खेतीबाड़ी के साथ नौकरी हैं। गांव का प्रधान पद महिला सामान्य के लिए आरक्षित है। गांव का इतिहास
गांव की स्थापना 1432 विक्रमी संवत में खैराती सिंह ने की थी। हापुड़ के देहरा गांव से निकल कर उन्होंने अपने पिता गुलाब सिंह के नाम पर इसे गुलावठी नाम से बसाया। उन्हीं की पीढ़ी गांव में फलफूल रही है। गांव राजपूत बाहुल्य सिसौदिया गोत्र का है। सेना के दो सेवानिवृत कैप्टन गांव में युवा पीढ़ी को अनुशासन का पाठ पढ़ा रहे हैं। गांव में पक्की सड़क, नालियां हैं। युवा पुस्तकालय,पंचायत भवन खेल का मैदान, वाइफाई की सुविधा चाहते हैं। युवाओं की अपेक्षाएं
गांव के आसपास उच्चतर शिक्षा की सुविधा का अभाव है। आठवीं के बाद लड़कियां उच्च शिक्षा नहीं ले पाती हैं। स्कूल-कालेज गांव से 10 से 20 किलोमीटर दूर हैं। गांव के आसपास इंटर कालेज बनना चाहिए।
-तन्नू खटीक, युवा स्नातक
ग्रामीणों की आय का साधन खेती व नौकरी है। अच्छी शिक्षा के लिए गांव में पुस्तकालय बने, जहां बच्चे किताबें पढ़ सकें। कोरोनाकाल में इंटरनेट की जरूरत बढ़ी है। वाइ-फाइ की नि:शुल्क सेवा मिलनी चाहिए।
-कोमल, बीए छात्रा
गांव के रास्ते, नालियां पक्के हैं। गांव के संपर्क मार्ग ठीक हों, सरकारी परिवहन सेवा, पंचायत घर बनना चाहिए।
-यशवंत सिंह, युवा
बॉक्स..
ग्रामीणों की मांग
-पानी की टंकी से पेयजल आपूर्ति शुरू हो
-पुस्तकालय बने
-टूटे संपर्क मार्ग का निर्माण
-श्मशान घाट का सुंदरीकरण
-खेल का मैदान
-सामुदायिक स्वास्थ्य उपकेंद्र गांव में मौजूद सुविधाएं :
-सीसी रोड
-पक्की नालियां
-प्राथमिक व उच्च प्राथमिक स्कूल
-सोलर लाईट
-सार्वजनिक शौचालय
अब तक रहे गांव के प्रधान
विजयपाल सिंह ,ओमबीर सिंह, नत्थू सिंह, राजेंद्र सिंह, सतेंद्र सिंह, बिशनपाल सिंह, अनिता व संदीप राणा