जमीन के मुद्दे पर सीएम ने दिया हरसंभव मदद का आश्वासन
जागरण संवाददाता ग्रेटर नोएडा कासना स्थित राजकीय आयुर्विज्ञान संस्थान (जिम्स) में एमबीबीएस पढ़
जागरण संवाददाता, ग्रेटर नोएडा : कासना स्थित राजकीय आयुर्विज्ञान संस्थान (जिम्स) में एमबीबीएस पढ़ाई शुरू हुए एक वर्ष हो चुके हैं। परास्नातक पाठ्यक्रम डिप्लोमेट ऑफ नेशनल बोर्ड (डीएनबी) की पांच अगस्त से शुरुआत हो चुकी है, लेकिन अभी भी विद्यार्थी गौतमबुद्ध विश्वविद्यालय (जीबीयू) में किराए के भवन में पढ़ाई कर रहे हैं। हालांकि, जीबीयू में जिम्स के लिए प्रस्तावित 54 एकड़ भूमि है। इस पर अकादमिक भवन बनना है। इसको लेकर जिम्स के निदेशक ने मुख्यमंत्री से बात की। उन्होंने हर संभव मदद देने का भरोसा दिलाया है।
जिम्स के एमबीबीएस की कक्षाएं जीबीयू में किराए के भवन में संचालित हो रही हैं। इसके लिए प्रतिमाह 21,75,845 लाख रुपये बतौर किराया दिया जाता है। विवि परिसर में ही जिम्स के अकादमिक भवन के लिए 56 एकड़ भूमि प्रस्तावित है। इसकी कीमत करीब 370 करोड़ रुपये है। यह जमीन अभी तक जिम्स को हस्तांतरित नहीं की गई है। 15 जुलाई को मुख्य सचिव की अध्यक्षता में जिम्स की जीबी की बैठक हुई। इसमें भूमि सहित अन्य मुद्दों को हरी झंडी दी गई। इसके तहत 50 एकड़ भूमि का हस्तांतरण जिम्स को किया जाएगा। वहीं, जब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ गौतमबुद्ध नगर के दौरे पर थे। इस दौरान जिम्स के निदेशक ब्रिगेडियर डॉक्टर राकेश कुमार गुप्ता ने जमीन का मुद्दा मुख्यमंत्री के सामने उठाया और कहा कि संस्थान विश्वस्तर की सुविधा मुहैया करा सकता है। पश्चिमी उत्तर प्रदेश में इस तरह का अस्पताल बनने से मरीजों को उपचार के लिए दिल्ली जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। बल्कि दिल्ली के लोग यहां उपचार के लिए आएंगे। इस पर मुख्यमंत्री ने निदेशक को हर संभव मदद देने का आश्वासन दिया।
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अकादमिक भवन बनाने के लिए भूमि हस्तांतरित की प्रक्रिया पर कार्य हो रहा है। जीबी की बैठक में इसको लेकर हरी झंडी भी मिल चुकी है। मुख्यमंत्री के सामने में जमीन को लेकर बातचीत हुई। उन्होंने हर संभव मदद देने का आश्वासन दिया है।
- डॉक्टर बिग्रेडियर राकेश कुमार गुप्ता, निदेशक, जिम्स