मेडिकल डिवाइस पार्क पर दिसंबर में फैसला संभव
जागरण संवाददाता ग्रेटर नोएडा यमुना प्राधिकरण क्षेत्र में मेडिकल डिवाइस पार्क विकसित कर
जागरण संवाददाता, ग्रेटर नोएडा: यमुना प्राधिकरण क्षेत्र में मेडिकल डिवाइस पार्क विकसित करने पर पर दिसंबर में फैसला हो सकता है। प्रदेश सरकार की ओर से भेजे गए प्रस्ताव पर केंद्र सरकार पार्क विकसित करने का फैसला करेगी। देश भर से 16 राज्यों ने मेडिकल डिवाइस पार्क के लिए प्रस्ताव भेजा है, जबकि 13 राज्यों में बल्क ड्रग पार्क के लिए प्रस्ताव भेजा है।
केंद्र सरकार देश में दवाओं एवं चिकित्सकीय उपकरण की उपलब्धता बढ़ाने के साथ वैश्विक कारोबार में इसकी हिस्सेदारी बढ़ाना चाहती है। देश के कई राज्यों में मेडिकल डिवाइस पार्क व बल्क ड्रग पार्क विकसित करने की योजना पर काम हो रहा है। केंद्र सरकार ने इसके लिए राज्यों से प्रस्ताव मांगे थे। उत्तर प्रदेश ने मेडिकल डिवाइस पार्क व बल्क ड्रग दोनों को विकसित करने के लिए केंद्र को प्रस्ताव भेजा है। संभावना जताई जा रही है कि केंद्र सरकार दिसंबर में यह तय कर देगी कि किस राज्य में मेडिकल डिवाइस पार्क बनेगा और किसमें बल्क ड्रग पार्क बनेगा।
16 राज्यों ने भेजा है प्रस्ताव : देश के 16 राज्यों ने अपने यहां मेडिकल डिवाइस पार्क विकसित करने की इच्छा जताई है, जबकि 13 राज्यों ने बल्क ड्रग पार्क के लिए प्रस्ताव भेजे हैं। उप्र सरकार की ओर से दोनों के लिए प्रस्ताव भेजे गए हैं। केंद्र सरकार पार्क के लिए सब्सिडी देगी। मेडिकल डिवाइस पार्क के लिए सौ करोड़ रुपये की सब्सिडी दी जाएगी।
यमुना प्राधिकरण क्षेत्र में मेडिकल डिवाइस पार्क : मेडिकल डिवाइस पार्क के लिए प्रदेश सरकार ने यमुना प्राधिकरण व ड्रग पार्क के लिए पीलीभीत, ललितपुर का प्रस्ताव दिया है। प्राधिकरण के सेक्टर 28 में करीब साढ़े तीन सौ एकड़ जमीन पर मेडिकल डिवाइस पार्क विकसित करने की योजना है।
..तो प्रदेश सरकार कर सकती है विकसित : केंद्र सरकार ने यमुना प्राधिकरण क्षेत्र में अगर मेडिकल डिवाइस पार्क का प्रस्ताव अस्वीकार किया तो प्रदेश सरकार इसे खुद विकसित कर सकती है। नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट आने के बाद यमुना प्राधिकरण क्षेत्र के आकर्षण को देखते हुए प्रदेश सरकार औद्योगिक निवेश के अवसरों का फायदा उठाने में जुटी है।
मेडिकल डिवाइस पार्क : मेडिकल डिवाइस पार्क में औद्योगिक इकाइयां स्थापित की जाएंगी, जिनमें चिकित्सकीय उपकरणों का उत्पादन होगा। चिकित्सकीय उपकरण बनाने का कारोबार करने वाली कंपनियों को पार्क में भूखंड आवंटित किए जाएंगे।