बंदी बने भाई, बहना का संदेशा सुन आंख भर आई
मनीष तिवारी ग्रेटर नोएडा राखी पर हर भाई को बहना की एक झलक का इंतजार होता है। ले
मनीष तिवारी, ग्रेटर नोएडा:
राखी पर हर भाई को बहना की एक झलक का इंतजार होता है। लेकिन कोरोना की काली साया ऐसी पड़ी की भाई को बहना का दीदार भी न हो सका। जेल में बंद बंदियों को पाबंदियों के बीच बहना का प्यार (राखी) मिला। साथ ही प्यार भरा वीडियो संदेश भी। बहना के संदेश ने दिल को छुआ और उनकी आंखें भर आईं।
जिला जेल गौतमबुद्ध नगर में 2300 से अधिक बंदी बंद हैं। रक्षाबंधन के त्योहार पर नियम के तहत बंदियों को उनकी बहनों से मुलाकात कराई जाती है। बहनें अपने भाई को विधि विधान पूर्वक राखी बांधती हैं। लेकिन कोरोना संक्रमण को देखते हुए शासन से जारी आदेश के बाद भाई-बहन की मुलाकात पर रोक लगा दी गई थी। एक अगस्त को जेल में विशेष काउंटर लगाया गया था। बहनों से राखी, चावल व टीका एक लिफाफे में रख व भाई का नाम लिखकर जमा करा दिया था। साथ ही बहनों ने भाई के लिए वीडियो संदेश भी रिकॉर्ड कराया था। संदेश को जेल के एक स्टाफ ने मोबाइल पर रिकॉर्ड किया। सोमवार को सैनिटाइज करने के बाद राखियों को वितरण बंदियों को कराया गया। साथ ही बंदियों को उनकी बहनों के द्वारा भेजे गए वीडियो संदेश को एलइडी पर डिस्ले कर दिखाया। बंदियों को रोता देखकर वहां पर तैनात कुछ पुलिसकर्मियों का मन भी भारी हो गया। काफी बंदी ऐसे भी थे जिनकी राखियां नहीं पहुंची थीं, इससे वह उदास थे। बाद में साथी बंदी को भाई का दर्जा देकर राखी बंधवाई। सभी ने एक-दूसरे को राखी की बधाई दी। बाद में जेल प्रबंधन के द्वारा उपलब्ध कराए गए विशेष भोजन का आनंद लिया।