बांस की कारीगरी ने बनाया शिल्पकला का बॉस

पारुल रांझा नोएडा एक नारी को शक्ति का प्रतीक यूं ही नहीं कहा जाता। यदि वह कुछ ठान ले तो उसे पूरा करके ही दम लेती है। ऐसी ही कुछ कहानी है बिहार के समस्तीपुर की रहने वाली कुमारी किरण की।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 26 Feb 2021 07:32 PM (IST) Updated:Fri, 26 Feb 2021 07:32 PM (IST)
बांस की कारीगरी ने बनाया शिल्पकला का बॉस
बांस की कारीगरी ने बनाया शिल्पकला का बॉस

पारुल रांझा, नोएडा : एक नारी को शक्ति का प्रतीक यूं ही नहीं कहा जाता। यदि वह कुछ ठान ले, तो उसे पूरा करके ही दम लेती है। ऐसी ही कुछ कहानी है बिहार के समस्तीपुर की रहने वाली कुमारी किरण की। इन्होंने लोकल फार वोकल के मंत्र को सार्थक करते हुए अपने बूते बांस से बने उत्पादों का कारोबार शुरू किया। अब वे इसे सफलता की ऊंचाइयों पर पहुंचाने में जुटी हैं। सेक्टर-33 स्थित शिल्प हाट में आयोजित सरस आजीविका मेले में वह लैंप, पेन स्टैंड, गुलदस्ता, बैग, फाइल, ट्रे, टाइटेनिक जहाज, ताजमहल आदि बांस व बेंत का समान लेकर पहुंची है। किरण अपने हुनर के बूते बांस से तरह-तरह के उत्पाद बनाने की हस्तकला को न केवल आगे बढ़ा रही हैं, बल्कि दुनियाभर में नई पहचान देने की कोशिश में भी जुटी हैं।

निरंतर श्रम के बूते महिलाओं को दे रहीं रोजगार :

बिहार के ताजपुर प्रखंड के हरिशंकरपुर बघौनी पंचायत की किरण बताती हैं कि उनके पिता बेंत कला के बहुत बड़े व जाने माने कलाकार थे। उन्हीं की प्रेरणा से वह इस कला को संरक्षित रखने के लिए अपने पति के साथ जुट गई। वह होम डेकोरेशन के लिए लैंप, पेन स्टैंड, गुलदस्ता, बैग, फाइल, ट्रे, टाइटेनिक जहाज, ताजमहल आदि बांस व बेंत का समान बना चुकी हैं। आकर्षक, सस्ते, इको फ्रैंडली होने से देश के लोगों के साथ ही विदेशियों को भी बांस से बनी चीजें खूब रास आती हैं। वर्तमान में अपने गांव में सरकारी सहायता से बेंत व बांस से बनने वाले सामानों को लेकर आधुनिक मशीन से लैस एक केंद्र का संचालन कर रही हैं। इसमें कई महिलाओं को गांव में ही रोजगार मिल रहा है। उनके हुनर के लिए राज्य सरकार ने उद्योग विभाग के जरिए प्रतिभा पुरस्कार के लिए चयनित किया है। बिहार के मुख्यमंत्री कर चुके हैं सराहना

किरण बताती हैं कि टाइटेनिक जहाज अब तक सबसे अधिक मांग वाला आइटम बन चुका है। इसके लिए विभिन्न राज्यों के व्यापारी भी आर्डर देते हैं। उन्होंने बांस से ताजमहल भी बनाया है। बेंत कला से करीब 50 हजार से एक लाख रुपये तक की आय हो जाती है। हाल ही में कंपनी रजिस्टर्ड होने के बाद अब उसे विस्तार देने में जुटी है। वह बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को भी टाइटेनिक जहाज भेंट कर चुकी हैं। उन्होंने भी इस कारीगरी की सराहना की थी।

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