हाई कोर्ट ने एवीजे हाइट्स के निवासियों को दी राहत

जागरण संवाददाता, ग्रेटर नोएडा : नोएडा पावर कंपनी लिमिटेड (एनपीसीएल) के कार्यालय पर कर्मचारियों के बं

By JagranEdited By: Publish:Fri, 21 Sep 2018 06:48 PM (IST) Updated:Fri, 21 Sep 2018 06:48 PM (IST)
हाई कोर्ट ने एवीजे हाइट्स के निवासियों को दी राहत
हाई कोर्ट ने एवीजे हाइट्स के निवासियों को दी राहत

जागरण संवाददाता, ग्रेटर नोएडा : नोएडा पावर कंपनी लिमिटेड (एनपीसीएल) के कार्यालय पर कर्मचारियों के बंधक बनाने एवं हंगामे करने के मामले में हाई कोर्ट ने आरोपितों की गिरफ्तारी पर रोक लगा दी है। यह रोक पुलिस की जांच पूरी होने तक प्रभावी होगी। हाई कोर्ट ने आरोपितों को पुलिस जांच में सहयोग करने के निर्देश दिए हैं। एनपीसीएल ने कासना कोतवाली में एवीजे हाइट्स के आठ निवासियों को नामजद करते हुए 65 अन्य अज्ञात के खिलाफ मामला दर्ज कराया था। इसमें 15 महिलाएं भी शामिल हैं।

एवीजे हाइट्स के बकाया बिजली बिल के भुगतान के विवाद एवं आपूर्ति में व्यवधान के खिलाफ सोसायटी वासियों ने 13 अगस्त को कंपनी के अल्फा दो सेक्टर स्थित कार्यालय पर प्रदर्शन किया था। प्रदर्शनकारियों पर कर्मचारियों को बंधक बनाने, उनके साथ गाली गलौज करने एवं बलवा करने का आरोप लगाया गया था। देर रात एसडीएम सदर राजपाल ¨सह की मध्यस्थता में प्रदर्शनकारियों एवं कंपनी अधिकारियों के बीच वार्ता के बाद हंगामा शांत हुआ था।

एनपीसीएल ने कासना कोतवाली में सोसायटी निवासी संजय सेंगर, देवेश तेवतिया, आशीष पराशर, लक्ष्मीकांत पांडा, सरदार जस¨वदर ¨सह, डीके चौधरी, अमित चौधरी, रितूपम त्यागी को नामजद करते हुए पचास अज्ञात पुरुषों एवं पंद्रह अज्ञात महिलाओं के खिलाफ विभिन्न धाराओं में मामला दर्ज कराया था।

पुलिस की कार्रवाई से बचने के लिए आरोपितों ने हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। उन्होंने कोतवाली में दर्ज मुकदमे को रद करने का अनुरोध किया था। हाई कोर्ट में दायर याचिका में आरोपितों ने कहा था कि बिल्डर पर एनपीसीएल की बिजली बिल बकाया है। कंपनी इसके भुगतान के लिए सोसायटी वासियों पर दबाव बना रही है। बिल भुगतान न होने पर बिजली आपूर्ति ठप कर दी जाती है। बिल्डर फरार है। हाई कोर्ट ने याचिका पर सुनवाई करते हुए उन्हें राहत दी और पुलिस जांच पूरी होने तक उनकी गिरफ्तारी पर रोक लगा दी है।

एवीजे हाइट्स सोसायटी एओए के महासचिव आशीष पराशर का कहना है कि हाई कोर्ट का आदेश एनपीसीएल के लिए झटका है। कंपनी ने सोसायटीवासियों पर गलत आरोप लगाते हुए मामला दर्ज कराया था।

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