एथलीट व रेसलर बनने में रहे नाकाम तो बन गए शातिर वाहन चोर

जागरण संवाददाता नोएडा करोड़ों रुपये जिम पर खर्च कर 25 हजार रुपये महीने की डाइट लेने वाला एथलीट जब खिलाड़ी के रूप में पहचान नहीं बना सका तो पैसा कमाने के लिए अमित ने अपराध का रास्ता पकड़ लिया। गिरफ्तार आरोपित अमित एथलीट है व गोला फेंक का खिलाड़ी रहा है। वहीं संदीप भी गोला फेंक का खिलाड़ी रहा है। उधर अजमेर रेसलिग खिलाड़ी रहा है। आरोपित अमित की पत्नी भी राष्ट्रीय स्तर की एथलीट है।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 25 Jul 2021 09:33 PM (IST) Updated:Sun, 25 Jul 2021 09:33 PM (IST)
एथलीट व रेसलर बनने में रहे नाकाम तो बन गए शातिर वाहन चोर
एथलीट व रेसलर बनने में रहे नाकाम तो बन गए शातिर वाहन चोर

जागरण संवाददाता, नोएडा : करोड़ों रुपये जिम पर खर्च कर 25 हजार रुपये महीने की डाइट लेने वाला एथलीट जब खिलाड़ी के रूप में पहचान नहीं बना सका, तो पैसा कमाने के लिए अमित ने अपराध का रास्ता पकड़ लिया। गिरफ्तार आरोपित अमित एथलीट है व गोला फेंक का खिलाड़ी रहा है। वहीं संदीप भी गोला फेंक का खिलाड़ी रहा है। उधर, अजमेर रेसलिग खिलाड़ी रहा है। आरोपित अमित की पत्नी भी राष्ट्रीय स्तर की एथलीट है।

एसीपी नोएडा रजनीश वर्मा ने बताया कि अमित ने अपने हरियाणा स्थित रोहतक में चोरी की कमाई से करोड़ों रुपये का घर बना रखा है। बहुमंजिला घर में करोड़ों रुपये की जिम की मशीनें लगी हैं। आरोपित अपनी डाइट पर प्रतिदिन 25 हजार रुपये खर्च करता है। पैसों के लालच में आकर ही खिलाड़ी बनने के बजाय चोर बन गया। पहली बार वर्ष 2011 में दिल्ली से एक वरना कार चोरी की थी। इसके चलते आरोपित एक वर्ष बाद ही 2011 में चंडीगढ़ से जेल गया था। इसके बाद लगातार वाहन चोरी के अपराध में लिप्त रहा और पिछले वर्ष भी जेल गया।

आरोपित चोरी की गाड़ियों को वाहन चोर मोहम्मद अली, आरिफ गिरोह के साथ ही मेरठ निवासी लियाकत, हिसार निवासी रोबिन उर्फ राहुल, भीम पतन व भिवानी निवासी मुकेश, पवन व सतीश सैनी से खरीदता था। अब तक सैकड़ों वाहनों को खरीदने की बात उसने स्वीकार की है। मामले में जांच के लिए हरियाणा की पुलिस ने संपर्क किया गया है। आरोपित के पास से पुलिस को एक डायरी मिली है। इसमें पूर्व में चोरी की करीब 60 से अधिक गाड़ियों का विवरण है। यह गाड़ियां नंबर टैंपर्ड कर हरियाणा, दिल्ली, पंजाब, गाजियाबाद, मेरठ में चलाई जा रही हैं। आरोपितों के पास से जो 17 गाड़ियां बरामद हुई हैं, उनमें 10 के मालिकों की पहचान हो गई है। पैसों के विवाद में केतू को पकड़वाया : पुलिस जांच में सामने आया है कि अमित का गिरोह के सरगना केतू के साथ रेंज रोवर को बेचने के बाद विवाद हुआ था। इसे आरोपित ने 17 लाख रुपये में बेचा था। केतू ने कुछ दिन में रुपये देने की बात कही थी, लेकिन रुपये नहीं मिलने पर आरोपित ने अपने गुर्गों के माध्यम से केतू के बारे में पुलिस को सूचना दे दी थी। इसके बाद पुलिस ने केतू को गिरफ्तार किया। पुलिस के मुताबिक, केतू के बड़े भाई का नक्सलियों से संपर्क है। पुलिस इस बात की भी जांच कर रही है कि चोरी की इन कारों को नक्सलियों को तो नहीं बेचा गया है।

आरोपितों के पास यह कारें और सामान हुआ बरामद

आरोपितों के पास से रेंज रोवर, फा‌र्च्यूनर, केयूवी, क्रेटा, वरना, स्कार्पियो, ओपटरा, जीप, आई-20, शेवरलेट बीट, टोयोटा इटियोस, स्विफ्ट सहित 17 कार, ड्राई कंपलीट अल्फावेट, ड्राई न्यूमरिक, हथौड़ी, टूल किट, दिल्ली पुलिस मार्का फाइल, आरटीओ से संबंधित दस्तावेज, रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट, पासपोर्ट फोटो, पुलिस ड्रेस व चार मोबाइल फोन बरामद हुए हैं।

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