बोर्ड बैठक रोकने के लिए आक्रोशित किसान ने बैरिकेडिग तोड़ी, सड़क पर बैठे
जागरण संवाददाता नोएडा नोएडा प्राधिकरण पर एक बार फिर किसानों ने वादा खिलाफी का आरोप लगाया है। किसानों का कहना है कि प्राधिकरण अधिकारी बंद कमरों में बैठकर जनहित विरोधी गतिविधियों को अंजाम दे रहे हैं। कुछ दिन पहले किसानों के साथ वार्ता कर आश्वासन दिया था कि सभी किसानों को पांच फीसद का अतिरिक्त मुआवजा दिया जाएगा।
जागरण संवाददाता, नोएडा : नोएडा प्राधिकरण पर एक बार फिर किसानों ने वादा खिलाफी का आरोप लगाया है। किसानों का कहना है कि प्राधिकरण अधिकारी बंद कमरों में बैठकर जनहित विरोधी गतिविधियों को अंजाम दे रहे हैं। कुछ दिन पहले किसानों के साथ वार्ता कर आश्वासन दिया था कि सभी किसानों को पांच फीसद का अतिरिक्त मुआवजा दिया जाएगा। आबादी का दायरा 450 मीटर से बढ़ाकर 1,000 मीटर कर दिया जाएगा। इसके लिए प्राधिकरण के चेयरमैन संजीव मित्तल से विचार विमर्श कर बोर्ड बैठक में प्रस्ताव लाया जाएगा। इन दो मुद्दों पर लगभग सहमति हो चुकी थी, पांच फीसद अतिरिक्त मुआवजा देने के मामले पर छह हजार करोड़ रुपये का अतिरिक्त बोझ प्राधिकरण पर पड़ेगा। यहां तक चर्चा हो चुकी थी, लेकिन शुक्रवार को आयोजित नोएडा प्राधिकरण की बोर्ड बैठक में दोनों प्रस्ताव शामिल नहीं किए गए। इससे नाराज होकर किसान भारतीय किसान परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुखवीर खलीफा के नेतृत्व में सड़क पर उतरे और बोर्ड की बैठक को रोकने लिए निकल पड़े।
जैसे ही सेक्टर-पांच स्थित हरौला बरातघर से प्राधिकरण कार्यालय का घेराव करने के लिए किसानों ने कदम बढ़ाया। पहले ही बैरिकेडिग पर पुलिस से टकराव हो गया। हल्की नोकझोंक के बाद वह बैरिकेडिग तोड़कर संदीप पेपर मिल चौराहे तक पहुंच गए। तैनात भारी पुलिसबल ने उन्हें दूसरी बैरिकेडिंग तोड़ने नहीं दिया। इससे नाराज होकर किसान सड़क पर बैठकर हो हल्ला करने लगे। किसानों ने प्राधिकरण विरोधी नारेबाजी शुरू कर दी। किसानों का यह हाई वोल्टेज ड्रामा सड़क पर कई घंटे चला। बोर्ड बैठक समाप्त होने की सूचना के बाद पुलिस ने उन्हें शांत करा हरौला बरातघर वापस भेज दिया। इस दौरान पुलिस को उद्योग मार्ग का यातायात डायवर्ट करना पड़ा, जिससे इस रास्ते आने जाने वालों को काफी दिक्कत का सामना करना पड़ा।
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ढील के चलते प्राधिकरण तक पहुंचे थे किसान
बुधवार को मुख्यमंत्री का दादरी में कार्यक्रम था। इस दौरान पुलिसबल हरौला बरातघर के बाहर तैनात था। जिसका फायदा उठाकर किसान दलबल के साथ सेक्टर-6 स्थित नोएडा प्राधिकरण कार्यालय पहुंच गए थे। जहां पर अर्धनग्न होकर उन्होंने प्रदर्शन किया। दंड बैठक लगाई व आरपार की लड़ाई का ऐलान किया।
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प्राधिकरण पर झूठ बोलने का आरोप
किसान उत्तर प्रदेश सरकार पर झूठ बोलने का आरोप लगा रहे हैं। कह रहे हैं कि पिछले पांच वर्षों से राज्य सरकार और प्राधिकरण झूठा आश्वासन दे रहा है। किसानों की मांगों पर कोई प्रगति नहीं की गई है। बढ़ा हुआ मुआवजा, आबादी के भूखंड और लीजबैक मामले जस के तस पड़े हैं। दूसरी ओर प्राधिकरण बिल्डरों के साथ मिलीभगत कर सारे काम कर रहा है। अब जब तक उनकी मांगों को पूरा नहीं किया जाएगा आंदोलन नहीं थमेगा।
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एक माह से प्राधिकरण की किलेबंदी
करीब एक माह से किसान रह रहकर प्राधिकरण पर हल्ला बोल रहे हैं। आए दिन किसानों की भीड़ प्राधिकरण की ओर कूच करती है। हालात संभालने के लिए प्राधिकरण को चारों ओर से सील किया गया है। तीन-तीन स्तर पर बैरिकेडिंग करके किलेबंदी की गई है। 24 घंटे प्राधिकरण के बाहर पुलिस का पहरा रहता है। इसके बावजूद किसान प्राधिकरण में घुसने का प्रयास कर रहे हैं। कह रहे हैं कि प्राधिकरण में बैठे अधिकारी खुद को कारपोरेट कंपनी अफसर मानते हैं। उन्हें शायद यह मालूम नहीं कि किसानों की जमीन पर ही उनका दफ्तर बना है, इसके बावजूद प्राधिकरण में किसानों के घुसने की इजाजत नहीं।
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विपक्षी दलों का मिल रहा समर्थन
चुनावी साल होने की वजह से किसानों को विपक्षी दलों का समर्थन मिल रहा है। कांग्रेस-समाजवादी पार्टी, आम आदमी पार्टी खुलकर किसानों का समर्थन कर रहे हैं। हाल ही में किसानों के पक्ष में गिरफ्तारियां भी दी गई हैं।