डरकर नहीं डटकर ही होगा एड्स से मुकाबला

एचआइवी से बचाव के लिए जागरूकता ही अहम उपाय

By JagranEdited By: Publish:Tue, 30 Nov 2021 08:52 PM (IST) Updated:Tue, 30 Nov 2021 08:52 PM (IST)
डरकर नहीं डटकर ही होगा एड्स से मुकाबला
डरकर नहीं डटकर ही होगा एड्स से मुकाबला

फोटो 30 एनओबी -29

जागरण संवाददाता, नोएडा :

एचआइवी से बचाव के लिए जागरूकता ही अहम उपाय है। अगर समय पर ध्यान नहीं दिया तो एड्स के कारण शरीर में रोगों के साथ लड़ने की साम‌र्थ्य कम जाती है, जिस कारण पीड़ित को टीबी सहित कई और बीमारियां होने का खतरा अधिक हो जाता है।

मेट्रो अस्पताल के डा. एस चक्रवर्ती ने बताया कि एक दिसंबर को एड्स के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए यह दिवस मनाया जाता है। एड्स का मतलब है ह्यूमन इम्युनोडेफिशियन्सी वायरस (एचआइवी), जो कि मानव की प्राकृतिक प्रतिरोधी क्षमता को कमजोर करता है। एचआइवी शरीर की रोग प्रतिरोधी क्षमता पर आक्रमण करता है, जिसका काम शरीर को संक्रामक बीमारियों, जो कि जीवाणु और विषाणु से होती हैं, से बचाना होता है। एचआइवी रक्त में उपस्थित प्रतिरोधी पदार्थ लसीका-कोशो पर हमला करता है। यह पदार्थ मानव को जीवाणु और विषाणु जनित बीमारियों से बचाते हैं और शरीर की रक्षा करते हैं। जब एचआइवी द्वारा आक्रमण करने से शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता क्षय होने लगती है तो इस सुरक्षा कवच के बिना एड्स पीड़ित लोग भयानक बीमारियों क्षय रोग और कैंसर आदि से पीड़ित हो जाते हैं।

----

एड्स के उपचार में एंटी रेट्रोवायरल थेरेपी का उपयोग किया जाता है। दवाइयों का मुख्य उद्देश्य एचआइवी के प्रभाव को काम करना, शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत करना है।

-डा डीके गुप्ता, फेलिक्स अस्पताल

----

कैसे फैलता रोग-

-दूषित रक्त से

-एड्स संक्रमित मां की संतान को

-पीड़ित व्यक्ति के साथ असुरक्षित यौन संबंध स्थापित करने से

--

एड्स के लक्षण

-बुखार, सिरदर्द, थकान

-लगातार खांसी बने रहना

-वजन का काफी हद तक काम हो जाना

---

एड्स से बचाव

-उपयोग की हुई सुई का प्रयोग नहीं करना चाहिए।

-खून को अच्छी तरह जांचकर ही उसे चढ़ाना चाहिए।

-पीड़ित व्यक्ति के साथ यौन संबंध स्थापित नहीं करना चाहिए।

chat bot
आपका साथी