एडीएम ने जिला अस्पताल पहुंच दर्ज किया सीएमएस व डॉक्टरों का बयान

गर्भवती की मौत के मामले में एडीएम ने बयान दर्ज किए। साथ ही मुख्यमंत्री द्वारा संज्ञान की बात कही।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 06 Jun 2020 08:49 PM (IST) Updated:Sat, 06 Jun 2020 08:49 PM (IST)
एडीएम ने जिला अस्पताल पहुंच दर्ज किया सीएमएस व डॉक्टरों का बयान
एडीएम ने जिला अस्पताल पहुंच दर्ज किया सीएमएस व डॉक्टरों का बयान

जागरण संवाददाता, नोएडा : गर्भवती महिला के इलाज में लापरवाही बरतने के मामले की जांच के लिए शनिवार दोपहर करीब ढाई बजे जांच अधिकारी व एडीएम मुनींद्र नाथ उपाध्याय जिले के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. दीपक ओहरी के साथ जिला अस्पताल पहुंचे। उन्होंने लापरवाही बरतने के मामले में सीएमएस व डॉक्टरों का बयान दर्ज किया। एडीएम ने मौके पर ही ओपीडी रजिस्टर मंगवाकर गर्भवती की डिटेल चेक की। इस दौरान ओपीडी रजिस्टर में महिला की एंट्री नहीं मिली। इस बात से नाराज एडीएम ने सीएमएस को मौके पर ही फटकार लगाई। लापरवाही के दौरान ड्यूटी पर मौजूद रहे चिकित्सकों को मौके पर बुलाने के निर्देश दिए। एडीएम कक्ष संख्या 107 व 151 के बाद इमरजेंसी भी पहुंचे। बारी-बारी से यहां मौजूद चिकित्सकों से महिला के बारे में जानकारी जुटाई। इसके बाद में डॉक्टरों व स्वास्थ्य कर्मियों के भी बयान दर्ज किए गए। एडीएम ने सीएमएस से कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने स्वयं घटना का संज्ञान लेते हुए आरोपितों के खिलाफ जांच के बाद एफआइआर कराने के निर्देश दिए हैं, इसलिए दोषियों को बचाने की कोई भी हिमाकत नहीं करें। एडीएम ने अस्पताल की सीसीटीवी फुटेज भी देखी। महिला को भर्ती नहीं करने पर फटकार: जांच के दौरान एडीएम ने सीएमएस से पूछा कि जब अस्पताल में 30 बिस्तरों के क्वारंटाइन बेड की सुविधा उपलब्ध है तो महिला को जिम्स क्यों रेफर किया गया और वहीं कोरोना संदिग्ध महिलाओं का अस्पताल में सैंपल लेकर जांच लैब भेजा जाता है। जांच रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाती है, लेकिन गर्भवती के मामले में ऐसा कुछ नहीं। जिम्स रेफर करने के दौरान डॉक्टरों ने महिला को रेफरल कागज नहीं दिया। महिला को सीवियर निमोनिया की शिकायत: सेक्टर-24 स्थित ईएसआइसी अस्पताल से मिली जानकारी के मुताबिक महिला आठ माह की गर्भवती थी। सीवियर निमोनिया होने से उसके फेफड़ों में बलगम जम गया था। कोरोना के लक्षण भी थे। गंभीर होने पर उसे एंबुलेंस के जरिये जिला अस्पताल रेफर कर दिया गया था। इस संबंध में निदेशक डॉ. अनीश सिघल से भी संपर्क करने की कोशिश की गई, लेकिन संपर्क नहीं हो सका।

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